कोलकाता : नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की कोलकाता इकाई ने दवा की आड़ में मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। एनसीबी की कोलकाता जोनल इकाई के उपनिदेशक सुधांशु सिंह ने शनिवार सुबह इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गत 25 नवंबर को बैरकपुर से नदिया जा रही स्कॉर्पियो गाड़ी को रोका गया था जिसमें सीबीसी से भरी 2245 बोतल बरामद हुए।
सुधांशु सिंह ने बताया कि सीबीसी एक तरह का कोडाइन वाला मादक केमिकल है जो अफीम से बनता है। इसकी एक बोतल की कीमत भारत में 500 से 600 रुपये लेकिन बांग्लादेश अथवा अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमत तीन से चार गुना बढ़ जाती है।
सिंह ने बताया कि स्कॉर्पियो लेकर जा रहे दो लोगों को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की गई तो पता चला कि इस खेप को नदिया के रास्ते होते हुए बांग्लादेश की सीमा पार तस्करी करने की योजना थी। इसे नदिया में एक मेडिकल फर्म के पास एसएच राम मेडिकल हॉल बैरकपुर के द्वारा भेजा गया था जिसने फर्जी डीएल बनवाया था। सुधांशु सिंह ने बताया कि पकड़े गए लोगों से पूछताछ में पता चला कि डॉक्टर रेडी जांच लैब का एक वरिष्ठ चिकित्सकीय अधिकारी इस पूरे गिरोह को चला रहा था। उन्होंने बताया कि जिन छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनमें से एक की पहचान 41 साल के आखिल भद्र के तौर पर हुई है जो स्थानीय चिकित्सक है और उसी ने अपने गोडाउन को इस मादक सिरप को एकत्रित करने के लिए दिया था।
इसके अलावा सुरजीत दास (40) नाम के दूसरे शख्स की गिरफ्तारी हुई है जो मादक पदार्थों की खेप को रिसीव करने वाला था जबकि वाहन चालक विश्वजीत दास (43) एवं खलासी उज्ज्वल मांझी (35) को भी गिरफ्तार किया गया है। बैरकपुर के एसएच राम मेडिकल हॉल जिसने इन मादक पदार्थों की खेप को भेजा था उसके मालिक अभिजीत देव तथा डॉक्टर रेडी जांच लैब में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव और इस पूरे तस्करी गिरोह के कोऑर्डिनेटर बसीर अहमद को भी दबोचा गया है। पूछताछ में पता चला है कि ये लोग बैरकपुर से मादक पदार्थों को महीसबाथान ले जा रहे थे जहां से सीमा पार किया जाना था। इनके अन्य साथियों के बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है।