– समीप रहने से सेटर्न दिखेगा सबसे सटीक, टेलीस्कोप से ही देखे जा सकते हैं शनि के रिंगः सारिका घारू
भोपाल/कोलकाता : खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए रविवार, 27 अगस्त का दिन बहुत रोचक होने जा रहा है। इस दिन पृथ्वी सूर्य और शनि के बीच में पहुंचेगी और शनि आपके समीप रहेगा। यह खगोलीय घटना लगभग एक साल बाद होने जा रही है। यह जानकारी शनिवार को भोपाल की नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने दी।
उन्होंने खगोल विज्ञान की इस घटना की वैज्ञानिक जानकारी देते हुए बताया कि पृथ्वी अपनी धुरी पर परिक्रमा करते हुए पृथ्वी रविवार को सूर्य और शनि के बीच पहुंचेगी। इस तरह शनि, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सीधी रेखा में रहेंगे। इस समय शनि पृथ्वी के सबसे समीप होगा, जिससे यह अपेक्षाकृत अधिक चमकीला महसूस होगा।
सारिका ने बताया कि भारतीय समय के अनुसार शनि रविवार को दोपहर एक बजकर 50 मिनट पर ठीक सीध में पहुंचेगा, लेकिन इसका दिखना शाम सूर्योस्त के बाद पूर्व दिशा में आरंभ होगा। शनि रातभर आकाश में भ्रमण करता दिख कर सुबह सबेरे सूर्योदय के पहले पश्चिम में अस्त होगा। अगर आपके पास टेलीस्कोप है और बादल बाधा नहीं बनते हैं तो इसे रिंग के साथ चमकता देख सकते हैं। बिना टेलीस्कोप यह एक मध्यम तारे के जैसा दिखेगा तथा इसके रिंग खाली आंखों से नहीं देखे जा सकेंगे।
उन्होंने बताया कि अपोजीशन के समय सेटर्न की पृथ्वी से दूरी लगभग 131 करोड़ नौ लाख किलोमीटर होगी। इसका प्रकाश आप तक पहुंचने में लगभग 73 मिनट लग रहा होगा। इसके रिंग 8.1 डिग्री के कोण पर झुके होंगे। उन्होंने बताया कि चूंकि शनि की सूर्य से दूरी, पृथ्वी की सूर्य से दूरी की तुलना में लगभग साढ़े नौ गुना अधिक है इसलिये शनि के अपोजीशन की इस घटना में कोई चमत्कारिक अंतर नहीं आता है, जैसा कि सोशल मीडिया में बढ़-चढ़कर बताया जाता है। लगभग एक साल में होने वाली खगोलीय घटना 2024 में आठ सितम्बर को होगी।