– गवाहों की मौजूदगी में लेन-देन
कोलकाता : शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तृणमूल युवा नेता कुंतल घोष और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के बीच घनिष्ठ संबंध थे। कुंतल किस्तों में पैसे ले जाकर पार्थ को देता था। उस पर रुपये गबन करने की तोहमत न लगे इसके लिए गवाहों की उपस्थिति में पैसे का लेनदेन होता था। यह दावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने लगातार तीन दिनों तक कुंतल से पूछताछ के बाद किया है।
केंद्रीय एजेंसी ने दावा किया कि तापस मंडल से लिए गए 19.5 करोड़ रुपये में से कुंतल घोष ने गवाह की उपस्थिति में 15.5 करोड़ रुपये पार्थ तक पहुंचाए थे। कुंतल ने बताया कि पार्थ को किस्तों में पैसे देते वक्त गोपाल दलपति नाम का तापस का करीबी व्यक्ति उनके साथ रह रहा था।
ईडी के जांचकर्ताओं के मुताबिक प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष तापस ने 2016 से 2021 के बीच चरणबद्ध तरीके से कुंतल को 19.5 करोड़ रुपये दिए। कुंतल के दावे के मुताबिक, उसने 2016 से 2021 के बीच चरणबद्ध तरीके से पार्थ को भी पैसे दिए। ईडी के सूत्रों के मुताबिक, कुंतल ने जांचकर्ताओं के सामने इस संबंध में एक साक्ष्य रिपोर्ट भी पेश की है।
कुंतल के बयान के अनुसार, उसने पूर्व मंत्री के करीबी सचिव को पैसे सौंपे, कभी पार्थ के नाकतला कार्यालय में, तो कभी उनके आवास के पास एक शॉपिंग मॉल में, एक रेस्तरां में। कुंतल ने आगे दावा किया कि भर्ती घोटाला मामले में पार्थ की प्रेमिका अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैट से जो 50 करोड़ रुपये नकद मिले, उसमें ये 15.5 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।
गोपाल अभी अवैध निवेश कंपनी के मामले में तिहाड़ जेल में है। पार्थ प्रेसीडेंसी जेल में हैं। ईडी को लगता है कि कुंतल के बयान को सत्यापित करने के लिए पार्थ और गोपाल से पूछताछ की जानी चाहिए। एक अधिकारी ने कहा कि वे दोनों जेल में हैं तो कुंतल ने रणनीति के तहत उनके नाम का जिक्र किया होगा। हो सकता है कि उसने जांचकर्ताओं को गुमराह करने के लिए ऐसे बयान दिए हों।
तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता कुंतल के करीबी एक और सत्तारूढ़ पार्टी के युवा नेता शांतनु बनर्जी को बुधवार को तलब किया गया था। जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, उन्हें जानकारी मिली है कि शांतनु भर्ती भ्रष्टाचार में भी शामिल है। हुगली में शांतनु के घर पर छापा मारा गया और भर्ती में भ्रष्टाचार से जुड़े कई दस्तावेज बरामद हुए। तापस को भी इसी दिन बुलाया गया था। ईडी के सूत्रों का दावा है कि तापस और शांतनु से कुंतल के सामने काफी देर तक पूछताछ की गई। उस प्रश्न सत्र की वीडियोग्राफी की गई है।
ईडी का दावा है कि तापस ने पूछताछ के दौरान माना कि गोपाल उसके करीबी थे। तापस ने जांचकर्ताओं को बताया कि गोपाल के पास एसएससी या स्कूल सर्विस कमीशन भर्ती के लिए कई उम्मीदवार थे। गोपाल ने उनसे कई बार अनुरोध किया कि किसी तरह उनके लिए रोजगार की व्यवस्था करें। तापस ने ही गोपाल को कुंतल के पास भेजा। तापस के मुताबिक, तब से गोपाल ने उससे ज्यादा संपर्क नहीं रखा और कुंतल के साथ रहने लगा।
जांचकर्ताओं के मुताबिक, कुंतल ने तापस से 19.5 करोड़ रुपये लेने के अलावा गोपाल के जरिए 10.5 करोड़ रुपये और लिए, जिसे उसने पूछताछ में स्वीकार भी किया है। कुंतल ने जांचकर्ताओं को पार्थ के एक सहायक और सचिव का नाम भी बताया। भर्ती भ्रष्टाचार की जांच में सीबीआई और ईडी दोनों लोगों से पहले भी कई बार पूछताछ कर चुकी है। कुंतल के बयान के आधार पर उन्हें दोबारा तलब किया जा सकता है। ईडी का दावा है कि कुंतल के बयान के आधार पर पार्थ और गोपाल से कोर्ट में अर्जी देकर पूछताछ की जा सकती है।
जांच एजेंसी के सूत्रों ने दावा किया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि भर्ती भ्रष्टाचार मामले में 2016 से न्यू टाउन के चिनार पार्क में दो फ्लैट और ईएम बाईपास से सटे तीन बहुमंजिला फ्लैट कुंतल और शांतनु के ऑफिस थे। शांतनु नियमित रूप से बाईपास फ्लैट के कार्यालय में जाता था। तापस ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह उस फ्लैट में कई बार शांतनु से मिले थे। शांतनु ने उसे आश्वासन दिया कि कुंतल सारी नौकरियों की व्यवस्था कर देगा। ईडी इन तमाम बातों को न्यायालय के संज्ञान में लाएगा।