कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पश्चिम बंगाल के नगर पालिकाओं और सरकारी स्कूलों में की गई 6 हजार भर्तियों में रियल एस्टेट प्रमोटर अयन शील की संलिप्तता के सबूत मिले हैं। फिलहाल केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में मौजूद शील से पूछताछ में इस बारे में जानकारी मिली है।
सूत्रों के मुताबिक, शील के आवास से छापे में बरामद एक हार्ड-डिस्क में 6 हजार लोगों के नाम हैं। उनमें से, लगभग 5 हजार लोगों को कई नगर पालिकाओं में भर्ती किया गया था, जबकि शेष को स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ के रूप में शामिल किया गया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारे अधिकारियों ने राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में भर्ती घोटाले से संबंधित सबूतों की तलाश में शील के आवास पर छापा मारा। यहां ठोस सुराग मिलने के अलावा, हमारे अधिकारियों ने एक और भर्ती घोटाले के संबंध में इसी तरह के सुराग बरामद किए हैं, जो राज्य में नगरपालिकाओं से संबंधित है।
उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ एक हार्ड-डिस्क को डिकोड करने के बाद केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को यह पता चला। कुछ अन्य हार्ड-डिस्क भी बरामद किए गए हैं और उन्हें डिकोड करने के बाद घोटाले में शील की संलिप्तता के बारे में और सबूत सामने आएंगे।
हार्ड-डिस्क से पहले ही ईडी के अधिकारियों को विभिन्न नगर पालिकाओं में कर्मचारियों की भर्ती के लिए कथित घोटाले में 12 करोड़ रुपये की वसूली के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल गए थे।
सूत्रों के अनुसार, हार्ड डिस्क में न केवल नगर पालिका भर्ती अनियमितताओं के मामले में एकत्र की गई कुल आय का उल्लेख है, बल्कि उन उम्मीदवारों के नाम भी हैं जिनसे धन एकत्र किया गया था ।
नगर पालिकाओं में भर्ती में गड़बड़ी के मामले में केंद्रीय एजेंसी अलग से केस दर्ज करेगी।
ईडी के वकील ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में पहले ही दावा किया है कि राज्य में कई नगरपालिकाओं में इस तरह की अनियमितताएं सामने आई हैं। इस प्रक्रिया में कर्मचारियों और क्लर्कों के ग्रेड में लगभग 5 हजार लोगों को करोड़ों रुपये वसूली के एवज में नियुक्त किया गया।