ईडी ने कोर्ट में कहा : विद्यासागर ने शिक्षा को 100 साल आगे बढ़ाया और पार्थ पीछे ले गए

कोलकाता : शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में पिछले आठ महीने से जेल में बंद पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने एक बार फिर अपनी जमानत की याचिका लगाई है। मंगलवार को बैंकशाल कोर्ट में जैसे ही पार्थ चटर्जी की याचिका पर सुनवाई शुरू हुई। ईडी के वकील फिरोज इडुलजी ने कहा कि 26 अक्टूबर, 1820 को एक महान शख्सियत का जन्म हुआ था जिनका नाम है ईश्वर चंद्र विद्यासागर और 6 अक्टूबर, 1952 को एक और शख्स का जन्म हुआ था जिसका नाम है पार्थ चटर्जी। ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने शिक्षा व्यवस्था को 100 साल आगे बढ़ाया था और पार्थ ने 100 साल पीछे कर दिया है।

इसके बाद पार्थ के अधिवक्ता जीवन कृष्ण श्रीवास्तव ने कहा कि विद्यासागर ने समाज के लिए बहुत कुछ किया है यह बात ठीक है लेकिन पार्थ चटर्जी ने ऐसा क्या किया है? इसके जवाब में ईडी के अधिवक्ता ने कहा कि करोड़ों रुपये की बरामदगी आपको दिखी नहीं है। दरअसल पिछले साल 22 जुलाई को दक्षिण कोलकाता के नाकतला स्थित पार्थ चटर्जी के आवास पर ईडी अधिकारियों ने छापेमारी की थी। उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के घर से करोड़ों रुपये की बरामदगी के बाद पार्थ को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद से वह लगातार जेल में हैं। उनकी जमानत के पक्ष में तर्क रखते हुए पार्थ के अधिवक्ता ने कहा कि यह कोई संगठित अपराध नहीं है बल्कि वित्तीय हेरफेर का मामला है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने खबर लिखे जाने तक फैसला नहीं सुनाया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *