कोलकाता : पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जानबूझकर दरार पैदा करने का आरोप लगा है। राजभवन के एक अधिकारी ने गुरुवार को यह दावा किया है।
इससे पहले, बसु ने राज्यपाल पर उपकुलपतियों की नियुक्तियों को मनमाने ढंग से मंजूरी देने और राजभवन को “डाकघर” की तरह इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
राजभवन के एक अधिकारी ने कहा, “राजभवन का मानना है कि शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच जानबूझकर दरार पैदा कर रहे हैं। उन्हें बोलने दीजिए, हमारी यात्रा जारी रहेगी।”
ब्रात्य बसु ने राज्य विधानसभा में भवानीपुर ग्लोबल यूनिवर्सिटी विधेयक 2024 पेश करते हुए राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बावजूद, जिसमें मुख्यमंत्री को खोज समिति द्वारा सुझाई गई सूची से उपकुलपति चुनने का अधिकार दिया गया है, राज्यपाल मनमाने ढंग से नियुक्तियों को मंजूरी दे रहे हैं।
बसु ने कहा, “राज्यपाल अधिकतर नियुक्तियों पर बैठे हुए हैं। मुख्यमंत्री उनके पद का सम्मान करते हुए धैर्य दिखा रही हैं, लेकिन धैर्य की भी एक सीमा होती है। अगर राज्यपाल इस तरह का व्यवहार जारी रखते हैं, तो एक दिन ऐसा आएगा जब इसे सार्वजनिक रूप से चुनौती दी जाएगी।”
उन्होंने राज्यपाल पर “बचकाना रवैया” अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी इस देरी से विश्वविद्यालयों का संचालन प्रभावित हो रहा है।
इसी बीच, सोमवार शाम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल आनंद बोस की राजभवन में 45 मिनट की बैठक हुई। राज्यपाल ने इसे “भाई-बहन” जैसा रिश्ता बताते हुए कहा, “पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच ऐसा ही संबंध है।”
शिक्षा मंत्री के आरोपों और राज्यपाल के बयानों के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।