नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के मुताबिक इलेक्टोरल बांड का डाटा सार्वजनिक कर दिया है। हालांकि इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस कॉर्पोरेट ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है।
आयोग के अनुसार उक्त मामले में, चुनाव आयोग ने लगातार और स्पष्ट रूप से प्रकटीकरण और पारदर्शिता के पक्ष में अपनी बात रखी है।
वक्तव्य के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के 15 फरवरी और 11 मार्च, 2024 के आदेश (डब्ल्यूपीसी संख्या 880/2017 के मामले में) में निहित निर्देशों के अनुपालन में, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च, 2024 को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को चुनावी बॉन्ड से संबंधित डेटा उपलब्ध कराया था। भारत के चुनाव आयोग ने आज एसबीआई से प्राप्त चुनावी बॉन्ड के डेटा को “जैसा है जहां है” के आधार पर अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। एसबीआई से प्राप्त डेटा को इस यूआरएल पर देखा जा सकता है: https://www.eci.gov.in/candidate-politicalparty .।
आयोग की ओर से जारी किए हुए डाटा में अलग अलग राजनीतिक दलों को प्राप्त चंदा की जानकारी है। वहीं दूसरी सूची में तिथि कंपनी और खरीदे गए इलेक्टरल बोर्ड की कीमत की जानकारी दी गई है। इस डाटा के आधार पर यह तय करना कि किस कंपनी ने किस राजनीतिक दल को कितना चंदा दिया है, संभव नहीं है।