कोलकाता : रविवार को सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय के तत्वावधान में अंतर्विद्यालयी निबंध लेखन एवं वाचन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महानगर के प्रतिष्ठित 14 विद्यालयों के 27 छात्र-छात्राओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्य संस्थान, लखनऊ की प्रधान संपादिका डॉक्टर अमिता दुबे ने कहा कि इस तरह के साहित्यिक कार्यक्रम बच्चों में अपनी भाषा के प्रति लगाव पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा में लेखन करते हुए भाषा की शुद्धता का ध्यान देना चाहिए।
मुख्य वक्ता सुप्रसिद्ध चिंतक एवं यूको बैंक के राजभाषा अधिकारी अजयेंद्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि ऐसे साहित्यिक कार्यक्रमों से बच्चों के मानसिक विकास के साथ–साथ व्यक्तित्व के विकास में भी सहायता मिलती है। निबंध विचारों को क्रमबद्ध रूप से अभिव्यक्त करने का सुंदर माध्यम है।
इस अवसर पर डॉ. प्रेमशंकर त्रिपाठी ने कहा कि आज डिजिटल युग में डिजिटल बंधन से बाहर निकलकर निबंध लेखन एवं वाचन प्रतियोगिता में भाग लेना अतिसराहनीय है। निबंध लिखना स्वयं के विचारों को मर्यादित ढंग से अभिव्यक्त करना है। इस प्रतियोगिता में क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार महेश्वरी बालिका विद्यालय की श्रेया उपाध्याय, टांटिया हाई स्कूल के नवीन चावला और मारवाड़ी बालिका विद्यालय की वसुंधरा शाह को मिला। तीन सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए। प्रतियोगिता के निर्णायक डॉ. बृजेश कुमार सिंह, प्रो. मंटू दास, अमरनाथ सिंह, डॉ. काजू कुमारी साव एवं डॉ. कमल कुमार थे। कार्यक्रम का शुभारंभ विवेक तिवारी द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना एवं रामाष्टक से हुआ।
स्वागत भाषण देते हुए संस्था की मंत्री दुर्गा व्यास ने कहा कि हिंदी भाषा के विकास और सही समझ के लिए ऐसे कार्यक्रम का आयोजन सराहनीय है। उन्होंने सभागार में उपस्थित सभी सुधिजनों का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन किया।
द्वय सत्रीय कार्यक्रम का कुशल संचालन प्राध्यापिका दीक्षा गुप्ता एवं दिव्या प्रसाद ने तथा धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकालय के पुस्तकाध्यक्ष श्रीमोहन तिवारी ने किया।
इस अवसर पर महावीर बजाज, अरुण प्रकाश मल्लावत, ओमप्रकाश मिश्र, डॉ. ऋषिकेश राय, विधुशेखर शास्त्री, डॉ. आर. एस. मिश्रा, चंद्रिका प्रसाद पाण्डेय ‘अनुरागी’, अविनाश गुप्ता, रमाकांत सिन्हा के साथ–साथ विद्यालय के अध्यापक, अध्यापिकाएं और छात्र–छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में परमजीत पंडित, राहुल उपाध्याय, पलक सिंह, राहुल दास एवं राकेश पाण्डेय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।