कोलकाता : पश्चिम बंगाल में फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले एक रैकेट के सिलसिले में डाक विभाग के एक और संविदाकर्मी को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान तारकनाथ सेन के रूप में हुई है।
तारकनाथ सेन पिछले 48 घंटों में गिरफ्तार किए गए डाक विभाग के दूसरे संविदाकर्मी हैं। इससे पहले, 15 दिसंबर को समरेश विश्वास और दीपक मंडल नामक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें से दीपक मंडल भी डाक विभाग का संविदाकर्मी था।
कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के एक अधिकारी के अनुसार, डाक विभाग के कुछ कर्मचारियों के इस रैकेट से जुड़े होने का संदेह और गहरा हो गया है। जांच अधिकारियों का मानना है कि यह रैकेट बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी भारतीय पासपोर्ट और अन्य पहचान पत्र तैयार करने के लिए डाक विभाग के अंदर नेटवर्क का उपयोग कर रहा था।
जांच में यह भी सामने आया है कि ये रैकेट अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास स्थित गांवों से संचालित हो रहे थे, खासकर उन जिलों से जो बांग्लादेश से सटी भूमि या तटीय सीमाओं के करीब हैं।
हाल ही में, पुलिस ने कोलकाता के पार्क स्ट्रीट इलाके के एक होटल से बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के पूर्व सहयोगी सलीम मतब्बर को गिरफ्तार किया था। उसके पास से एक फर्जी भारतीय पासपोर्ट बरामद हुआ। जांच में पता चला कि मतब्बर ने अवैध रूप से सीमा पार करने के बाद नदिया जिले के एक रैकेट से फर्जी भारतीय दस्तावेज हासिल किए थे।
एसटीएफ अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या डाक विभाग के कुछ स्थायी कर्मचारी भी इस रैकेट में शामिल हैं। इसके अलावा, रैकेट की कार्यप्रणाली में समानताओं को देखते हुए अन्य संभावित नेटवर्क की भी जांच की जा रही है।