कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कन्याश्री योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता को लेकर अब हेराफेरी की आशंका जताई गई है। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने राज्य सरकार को अलर्ट करते हुए कहा है कि इस योजना के पोर्टल पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह हमला कर सकते हैं। इस संबंध में महिला और बाल विकास विभाग ने सभी जिलाधिकारियों और सामाजिक कल्याण निदेशकों को सतर्क करते हुए छह निर्देश जारी किए हैं।
एनआईसी के मुताबिक, कन्याश्री पोर्टल पर साइबर हमला होने की संभावना है, जिससे लाभार्थियों के खातों में समस्याएं हो सकती हैं। इसे रोकने के लिए एनआईसी ने जरूरी उपाय सुझाए हैं, जिन्हें लेकर राज्य सरकार ने सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं :
1. संभावित खतरे वाले खातों के पासवर्ड बदलना।
2. ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउज़र, और सॉफ्टवेयर को नवीनतम संस्करण में अपडेट करना।
3. जोखिम वाले सॉफ्टवेयर को हटाना।
4. फायरवॉल सक्रिय करना और एंटी-मैलवेयर, एंटी-रैनसमवेयर तथा एंटी-एक्सप्लॉइट सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करना।
5. नियमित रूप से कंप्यूटर को स्कैन करना।
6. किसी भी पासवर्ड या क्रेडेंशियल को वेब पेज पर सेव न करना।
जिलाधिकारियों से कहा गया है कि इन निर्देशों का पालन करने के बाद इसकी जानकारी राज्य सरकार को दें, ताकि एनआईसी को इसकी सूचना दी जा सके।
दरअसल राज्य सरकार ने पहले ‘तरुणेर स्वप्न’ योजना के तहत 11वीं और 12वीं के छात्रों को टैब खरीदने के लिए 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी थी। लेकिन कई छात्रों के बैंक खातों में पैसे न पहुंचने और किसी अन्य के खाते में जाने की घटनाएं सामने आईं। जांच में पता चला कि साइबर कैफे से स्कूल के खातों को हैक कर छात्रों के बैंक खातों की जानकारी बदल दी गई थी। इस मामले में अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
तरुणेर स्वप्न की तुलना में कन्याश्री योजना कहीं अधिक व्यापक है। इस योजना में तीन करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं। पूरे पोर्टल से इसका संचालन होता है। अगर इस पोर्टल पर साइबर हमला हुआ, तो नुकसान बड़े पैमाने पर हो सकता है।
प्रधानाध्यापक संघ के महासचिव चंदन मैती ने कहा कि ऐसे प्रयास पहले ही किए जाने चाहिए थे। हर छह महीने में पासवर्ड बदलना जरूरी है, और यह कार्य सरकार की निगरानी में होना चाहिए।
सहायक प्रधानाध्यापकों के संघ के महासचिव सौदीप्त दास ने सुझाव दिया कि हर स्कूल में कम से कम एक कंप्यूटर-प्रशिक्षित क्लर्क और इंटरनेट-सक्षम कंप्यूटर होना चाहिए, ताकि स्कूलों को साइबर कैफे का सहारा न लेना पड़े।
राज्य सरकार ने कन्याश्री योजना के संचालन में सतर्कता बरतने का निर्देश देकर योजना के लाभार्थियों के खातों को सुरक्षित रखने का प्रयास किया है।