नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अंतरिम बजट में लम्बे समय से चली आ रही प्रत्यक्ष कर मुद्दों के समाधान से जुड़ी योजना की घोषणा की है। इससे करीब एक करोड़ करदाताओं को लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री ने प्रस्ताव किया कि 2009-10 तक के वर्षों के लिए 25,000 रुपये और 2010-2015 के लिए 10,000 तक की बकाया मांगों को वापस लेने का प्रस्ताव करती है।
इससे उक्त नियमों के तहत गैर-सत्यापित, गैर-समाधान या विवादित बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों को वापस लिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि कई कर देयता 1962 से अबतक लंबित पड़ी हैं। इससे सरकारी खाते में भी सुधार होगा।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बकाया प्रत्यक्ष कर वापस लेने के सरकार के फैसले की सराहना की है। इससे कर मुकदमेबाजी को कम करने और कर भुगतान में आसानी बढ़ाने में बड़ा योगदान होगा।