कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा सोमवार को राज्य सचिवालय में बुलाई गई नगरपालिकाओं की बैठक में विपक्ष के कब्जे वाले झालदा और ताहेरपुर नगर पालिकाओं को आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर उठ रहे सवालों के बीच नगरपालिका एवं शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने रविवार को इस पर स्पष्टीकरण दिया है। वजह बताते हुए कहा कि जिन नगर पालिकाओं में विभिन्न प्रकार की समस्याएं हैं, उन्हें ही बैठक में बुलाया गया है।
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में नगर पालिकाओं के चेयरमैन व अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस संबंध में राज्य के नगर निगम एवं शहरी विकास विभाग की ओर से प्रत्येक नगर पालिका को पत्र भेजा गया है। बैठक में केवल विपक्ष के कब्जे वाली दो नगर पालिकाओं झालदा और ताहेरपुर को आमंत्रित नहीं किया गया। इनमें से एक पर माकपा और दूसरे पर कांग्रेस का कब्जा है।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने शनिवार को इसे लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि ममता बनर्जी सिर्फ जनहित की सरकार की बात करती हैं। उन्होंने सीधे तौर पर आरोप लगाया था कि चूंकि झालदा और ताहीरपुर नगर पालिकाएं विपक्ष के कब्जे में है इसलिए उन्हें बैठक में नहीं आमंत्रित किया गया। इस आरोप पर सफाई देते हुए फिरहाद हकीम ने कहा कि यह हमारी अपनी तकनीकी बैठक है। जिन नगर पालिकाओं को जरूरत थी, उन्हें बुलाया गया। जिन्हें जरूरत नहीं थी, उन्हें नहीं बुलाया गया। मैं बिना वजह चेयरमैनों को कोलकाता क्यों बुलाऊंगा। यह बैठक नवान्न में आयोजित होगी। जिन लोगों को नगरपालिका सेवाओं से संबंधित समस्याएं हैं, उन्हें बुलाया गया है। झालदा और ताहीरपुर नगर पालिकाओं का बेहतर तरीके से संचालन हो रहा है । ऐसे में बिना किसी कारण उन्हें क्यों बुलाना जाए?
उन्होंने आगे कहा कि उन दोनों नगर पालिकाओं से कोई भी मेरे पास ऐसी कोई समस्या लेकर नहीं आया जिस बारे में मैं मुख्यमंत्री को बताता। जो लोग समस्या लेकर आए हैं, मुख्यमंत्री उनके मामलों में हस्तक्षेप करेंगी। कांग्रेस और मागपा संचालित नगर पालिकाएं अच्छा काम कर रही होंगी, इसलिए हमने उन्हें बुलाने कि जरूरत नहीं समझी।