विदेश मंत्रालय ने ममता और केरल सरकार को किया आगाह, कहा-विदेश मामलों पर केन्द्र का एकाधिकार

नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेशके घटनाक्रम पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और केरल सरकार की ओर से ‘अंतरराष्ट्रीय सहयोग’ संबंधी सचिव की नियुक्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि विदेश मामले केन्द्र सरकार का एकमेव अधिकार क्षेत्र है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में इन राज्य सरकारों को याद दिलाया कि संविधान की सांतवीं अनुसूची में संघ सूची के दसवें विषय में स्पष्ट उल्लेख है कि विदेश मामलों का संचालन और बाहरी देश के साथ संबंधों के बारे में केन्द्र सरकार का एकाधिकार है। राज्य सरकारों को अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर के मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी को लेकर एक राजनयिक विरोधपत्र प्राप्त हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मामले अधिकार क्षेत्र संबंधी समवर्ती सूची का हिस्सा नहीं है। यह मामला राज्य सूची में निश्चित रूप से नहीं है।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गत दिनों एक रैली में कहा था कि राज्य सरकार बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों की मदद करने के लिए तत्पर है। इस पर बांग्लादेश के नेताओं ने विरोध स्वरूप टिप्पणी की थी कि यह आतंकवादियों और असमाजिक तत्वों काे सहायता मुहैया कराने का संकेत है।

दूसरी ओर केरल सरकार ने ‘अंतरराष्ट्रीय सहयोग’ संबंधी सचिव की नियुक्ति की है जो राज्य सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय सहयोग संबंधी मामलों की देख-रेख करेगा। हालांकि राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह अन्य देशों के साथ संबंधों के साथ नहीं जुड़ा है।

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