ढाका : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री व बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की (बीएनपी) अध्यक्ष खालिदा जिया के विदेश में इलाज की याचिका के आवेदन को खारिज कर दिया गया है। कानून मंत्री अनीसुल हक ने कहा कि खालिदा को इलाज के लिए विदेश जाने से पहले जेल जाना होगा।
सचिवालय में रविवार को पत्रकारों से कानून मंत्री ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 401 के अनुसार यदि किसी आवेदन का एक बार निपटारा हो जाता है, तो उस पर पुनर्विचार करने का कोई अवसर नहीं मिलता है। इस कारण दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 401 की उपधारा 1, 2, 3, 4, 5 और 6 की व्याख्या करते हुए गृह मंत्रालय को एक राय भेजी गई है।
इससे पहले शनिवार को प्रधान मंत्री शेख हसीना ने भी कहा कि विदेश में इलाज के लिए मंजूरी लेने से पहले खालिदा जिया को वापस जेल जाना होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें उसे विदेश ले जाने के लिए एक आवेदन के माध्यम से अदालत की अनुमति लेनी होगी। अगर अदालत उसे अनुमति देती है तो वह विदेश जा सकती है।प्रधान मंत्री शेख हसीना ने कहा कि हम अदालती कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। प्रधान मंत्री के रूप में मेरी भूमिका मानवीय आधार पर उनकी जेल की सजा को निलंबित करने और उन्हें घर पर रहने की अनुमति देने तक सीमित है।
इससे पहले 25 सितंबर को खालिदा जिया के छोटे भाई शमीम इस्कंदर ने गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल से मुलाकात कर बीएनपी प्रमुख को इलाज के लिए विदेश भेजने के लिए आवेदन दिया था। इसके बाद गृह मंत्रालय ने आवेदन को कानून, न्याय और संसदीय कार्य मंत्रालय को भेज दिया। 78 वर्षीय खालिदा जिया का पिछले 50 दिन से राजधानी ढाका के एवरकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा है। वह लीवर सिरोसिस बीमारी से जूझ रही हैं। परिवार की इच्छा उन्हें जर्मनी ले जाने की है। इसके अतिरिक्त संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर के अस्पतालों से भी संपर्क किया गया है।