गुवाहाटी : राज्यसभा के पूर्व सदस्य रिपुन बोरा ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा, “असम के लोग ऐसी पार्टी को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसे वे दूसरे राज्य का मानते हैं। इन चुनौतियों और पर्याप्त समाधान की कमी के मद्देनजर मैं एक कठिन निर्णय लेने के लिए खुद को बाध्य महसूस करता हूं और मैंने खुद को टीएमसी से अलग करने का फैसला किया है।”
पार्टी प्रमुख को अपना त्यागपत्र भेजते हुए रिपुन बोरा ने कहा, “अप्रैल 2022 में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल होने के बाद से मैंने और मेरी टीम ने असम में पार्टी के विकास के लिए अथक प्रयास किया है। पार्टी को भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक विकल्प के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया। टीएमसी में शामिल होने का मेरा फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और आपके नेतृत्व के प्रति मेरी प्रशंसा से प्रेरित था और मैंने इस मिशन के लिए पूरे दिल से प्रतिबद्धता जताई।”
बोरा ने कहा, “असम टीएमसी में काफी संभावनाएं हैं लेकिन कई बार-बार आने वाले मुद्दों ने हमारी प्रगति में बाधा डाली है, जिसमें पश्चिम बंगाल की क्षेत्रीय पार्टी के रूप में टीएमसी की धारणा भी शामिल है। इस धारणा का मुकाबला करने के लिए हमने कई सुझाव दिए, जैसे कि राष्ट्रीय स्तर पर एक असमिया नेता की आवश्यकता, टॉलीगंज में भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका के निवास को एक विरासत स्थल घोषित करना और कूचबिहार में मधुपुर सत्र (वह स्थान जहां से असम के सबसे बड़े समाज सुधारक महापुरुष शंकर देव ने वैष्णव आंदोलन की शुरुआत की थी) को एक सांस्कृतिक केंद्र में परिवर्तित करना। इन चिंताओं को दूर करने के लिए डेढ़ साल से बार-बार प्रयासों के बावजूद मैं असफल रहा हूं।”