आत्मविकास से राष्ट्रनिर्माण तक : बच्चों के लिए विशेष शिविर

कोलकाता : विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी की बंगाल प्रान्त की विवेकानन्द नगर कार्यस्थान द्वारा शनिवार को बच्चों के लिए एक दिवसीय व्यक्तित्व विकास शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर किशोरों के लिए उत्साहवर्धक व प्रेरणादायी सिद्ध हुआ। कार्यक्रम का आयोजन सीकर नागरिक परिषद, कोलकाता के सहयोग से सीकर भवन में किया गया।

शिविर की शुरुआत मेहुल पाठक द्वारा शांति पाठ से हुई, जिससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ। इसके पश्चात नगर प्रमुख वनिता झारखंडी ने सभी का स्वागत करते हुए शिविर की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।

प्रारंभिक सत्र में बच्चों ने शांति पाठ, सूर्य नमस्कार और जन्मदिन के श्लोकों का अभ्यास किया। इस अवसर पर बंगाल प्रान्त की प्रान्त सह प्रमुख मालविका चटर्जी ने श्लोकों के गूढ़ अर्थों को सरलता से समझाते हुए बच्चों को इस अवसर को आत्मचिंतन और आध्यात्मिकता से जोड़ने की प्रेरणा दी।

सीकर नागरिक परिषद की सुनीता लोहिया ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम अत्यंत सराहनीय और आवश्यक हैं।

इसके पश्चात  “जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है।”  गीत को सभी ने उत्साह और ओज के साथ गाया, जिससे देशभक्ति की भावना सजीव हो उठी। इसके बाद बच्चों ने अपने अनुभव और प्रेरणादायी प्रसंग साझा किए, जो अत्यंत मार्मिक और उत्साहजनक रहे।
शिविर में मुकुल भट्टाचार्य और आशा बसाक के निर्देशन में बच्चों ने योगाभ्यास किया, जिसमें विशेष रूप से सूर्य नमस्कार को सम्मिलित किया गया। इस सत्र में राधिका शर्मा, सिमरन सिंह और मेहुल पाठक का विशेष सहयोग रहा।

प्रान्त के कार्यपद्धति प्रमुख श्यामसुंदर जायसवाल ने बच्चों के लिए विविध प्रकार के खेलों का आयोजन किया, जिससे उनके मानसिक, शारीरिक और रचनात्मक विकास को प्रोत्साहन मिला। ये खेल न केवल मनोरंजक थे, बल्कि उन्होंने टीम वर्क और नेतृत्व जैसे गुणों का भी विकास किया। प्रान्त अधिकारी अरविन्द सिंह ने भी बच्चों का उत्साह बढाया।

शिविर के अंतिम चरण में सभी प्रतिभागियों ने संस्कार वर्ग में सम्मिलित होकर देश और समाज के लिए कार्य करने का संकल्प लिया। समापन मिता दे  के शांति मंत्र के साथ हुआ। कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों को पाठ्य सामग्री और स्वामी विवेकानन्द की पुस्तक भेंट की गई।

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