संपूर्ण लोकतंत्र के लिए समाज में मौलिक परिवर्तन जरूरीः गंगा प्रसाद

फोटो कैप्शन : आलेख पाठ करते हुए स्नेहा सोनकर। बैठे हुए वरिष्ठ पत्रकार गंगा प्रसाद और लेखक अनवर हुसैन। ■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■  ◆ अनवर हुसैन के उपन्यास “रियल गर्लफ्रेंड” पर गोष्ठी संपन्न

कांचरापाड़ा : वरिष्ठ पत्रकार गंगा प्रसाद ने कहा है कि संपूर्ण लोकतंत्र के लिए समाज में मौलिक परिवर्तन लाने की जरूरत है। जब तब समाज में वास्तविक परिवर्तन नहीं हो जाता तब तक हम सही लोकतंत्र की कल्पना नहीं कर सकते। यह परिवर्तन साहित्य के माध्यम से ही संभव है। श्री गंगा प्रसाद ने यह बातें बतौर मुख्य अतिथि मंगलवार को हालीशहर में नैहाटी सांस्कृतिक विकास मंच द्वारा पत्रकार व लेखक अनवर हुसैन के उपन्यास “रियल गर्लफ्रेंड” पर आयोजित साहित्यिक गोष्ठी में कही। उन्होंने कहा कि उपन्यास में प्रेमकथा के माध्यम से लेखक ने सामाजिक व्यवस्था, सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव, मानसिक परेशानी, राजनीतिक व्यवस्था आदि कई मुद्दों को गंभीरता से उठाया है। उपन्यास के पात्र उच्च मध्यवर्गीय हैं। नायक और नायिका दोनों का परिवार आधुनिक विचारों वाला है और सुविधा संपन्न फ्लैट में रहता है। इसके बावजूद घुमने के लिए जाने पर जब नायिक की तबीयत खराब हो जाती है तो नायक उसे न अपने घर लेकर जाता है और न ही नायिका के घर ले जाने का ही साहस कर पाता है। वह नायिका की एक सहेली के पास होस्टल में ले जाता है। यह सामाजिक संकृणता को ही दर्शता है। सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी के दौर में हम जितना भी खुले विचारों के होने का दावा कर लें लेकिन अभी भी सामाजिक विषमता की जड़ें हमारे समाज में गहराई तक फैली हुई है।

गोष्ठी में पाठक के तौर पर विभिन्न कॉलेज और यूनिवर्सिटी की छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं। ऋषि बंकिमचंद्र कॉलेज की छात्रा अंकिता साव व भूमि साव, कांचरापड़ा कॉलेज की प्रथम वर्ष की छात्रा नंदिनी चौधरी, बैरकपुर राष्ट्रगुरु सुरेंद्रनाथ कॉलेज की छात्रा स्नेहा सोनकर, कांचरापाड़ा कॉलेज के दूसरे सेमेस्टर की छात्रा विशाखा शाहा व कशिश चौधरी और बैरकपुर राष्ट्रगुरु सुरेंद्र नाथ कालेज की छात्रा राइमा चौधरी ने “रियल गर्लफ्रेंड” उपन्यास पर आलेख पाठ किया।

पत्रकार राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि उपन्यास पठनीय है। कहानी शुरू से अंत तक पाठक को बांधे रखती है। पुस्तक में कलकतिया हिंदी का इस्तेमाल हुआ है जो आम बोलचाल की भाषा है। डॉ. अशोक सिंह ने कहा कि विषय और कथ्य के आधार पर यह उपन्यास बेजोड़ और हिंदी में अपने तरह का अलग उपन्यास है। हिंदी कथा साहित्य में अगर सोशल मीडियी पर कभी शोध होगा तो इस उपन्यास की उपयोगिता साबित होगी। लेखक अनवर हुसैन ने एक पत्रकार से उपन्यासकार बनने की अपनी लेखकीय यात्रा को साझा किया।

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए लेखक और पत्रकार संजय भारती ने कहा किसी साहित्यकार और लेखक की सफलता इस बात रक निर्भर करती है कि वह समाज में जो देखता है और अनुभव करता है उसको अपनी लेखन कला से साक्षात धरातल पर उतार देता है। लेखक अनवर हुसैन अपने प्रयास

में सफल हैं। किसी भी सुंदर कृति पर इस तरह की साहित्यिक चर्चा होनी चाहिए। इंटरनेट और सोशल मीडिया के तूफान में हमारा यह प्रयास अपने अंदर रचनाशीलता के दीपक को बचाए रखने का एक प्रयास है। कार्यक्रम का संचालन नैहाटी सांस्कृतिक विकास मंच के संयोजक अभिषेक कोहार ने किया। कांचरापाड़ा कॉलेज की छात्रा कशिश चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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