कोलकाता : माल बाजार दुर्घटना को लेकर माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने प्रशासनिक व्यवस्था पर उठाए सवाल हैं। गुरुवार को एक बयान में उन्होंने कहा कि विसर्जन के मद्देनजर माल महाविद्यालय से सटे राष्ट्रीय मार्ग 31सी पर माल नदी के पुल के नीचे एक छोटी सी रेत की पट्टी बनाई गई है। इसके अलावा दोनों किनारों पर नगर पालिका द्वारा रेत और पत्थर के बांध बनाये गये हैं। माल नगरपालिका और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा बनाई गई नदी के बीच में रेत की पट्टी पर मूर्ति विसर्जित करने के लिए आई गाड़ियां और लोग इकट्ठा हुए, जहां यह दुर्घटना हुई।
इस दुखद घटना का एक और कारण यह भी है कि नगरपालिका और प्रशासन ने रेत के बांध से नदी के दाहिने प्रवाह को अवरुद्ध कर दिया और नदी तट पर विसर्जन के लिए एक मैदान बनाया जिसके कारण नदी की दाहिने तरफ का प्रवाह अचानक से भयानक हो उठा। इससे दुर्घटना की संभावना और भी प्रबल हो गई।
सड़क पुल के नीचे माल नदी के किनारे छोटी-सी जगह पर कार्निवल जुलूस में लोगों के शामिल होने की सनक के कारण बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों सहित कई लोगों की दुखद मौत हुई है। मैं नहीं जानता कि और कितने लोग बह गए या लापता हो गए जिन्हें बचाया नहीं जा सका।
हमारे साथियों ने घटनास्थल से पांच-छह किलोमीटर दूर तक दोनों तरफ के ग्रामीणों के साथ भारी बारिश और अंधेरे में माल और नेओरा नदियों के संगमस्थल की तलाशी ली लेकिन हमें सुबह 8 बजे तक एक भी प्रशासन, पुलिस या आपदा प्रबंधन टीम नहीं दिखी। यहां तक कि तीस्ता ब्रिज के नीचे भी कोई प्रशासनिक गतिविधि देखने को नहीं मिली।
मोहम्मद सलीम ने आगे कहा कि सभी स्तरों पर माल बाजार दुर्घटना में मृत और गायब लोगों के परिवारों के साथ खड़ा होना और दोषियों को कड़ी सजा के साथ लापता लोगों के पर्याप्त मुआवजे और बचाव की मांग के लिए विरोध और प्रदर्शन आयोजित करना बहुत जरूरी है।