कोलकाता : पश्चिम बंगाल के नवनियुक्त राज्यपाल डॉक्टर सी. वी. आनंद बोस के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मधुर संबंधों को देखकर लग रहा था कि शायद इस बार राज्य सरकार और राजभवन के बीच सबकुछ ठीक रहने वाला है। लेकिन अब एक बार फिर राज्यपाल से राज्य सरकार का टकराव शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक पर पुलिस की मौजूदगी के बावजूद हमले को लेकर राज्यपाल ने एक दिन पहले तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर इस मामले में राज्य सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो राजभवन खामोश नहीं बैठेगा। इसके बाद सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ में राज्यपाल की तीखी आलोचना की गई है। माना जा रहा है कि यह सरकार और राजभवन के बीच टकराव का आधिकारिक ऐलान है।
पार्टी के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ के पहले पन्ने पर पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष का संपादकीय छपा है। इसमें उन्होंने इस बात का संकेत दिया है कि राज्यपाल ने भाजपा के एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया है। कुणाल घोष ने कहा है कि राज्यपाल को भाजपा का नहीं बल्कि बंगाल का दूत होना चाहिए। इसमें इस बात का भी इशारा किया गया है कि वर्तमान राज्यपाल भी पूर्व राज्यपाल और वर्तमान में देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के रास्ते पर चल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य के राज्यपाल का प्रभार संभालने के बाद डॉक्टर बोस ने कई मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सराहना की थी। इसके अलावा राज्य सरकार के पक्ष में भी विधेयक हस्ताक्षर करने के साथ ही कई फैसले ले चुके थे जिसे लेकर राज्यपाल को भाजपा की आलोचना सहनी पड़ी थी।