कोलकाता : राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने मंत्रियों और विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी से जुड़े दोनों विधेयकों पर अपनी सहमति दे दी। फाइल पर हस्ताक्षर कर मंगलवार को राजभवन से नवान्न स्थित राज्य सचिवालय भेज दिया गया। पूजा से पहले सोमवार को विधानसभा में विशेष सत्र बुलाया गया था। कयास लगाए जा रहे थे कि मंत्रियों और विधायकों की सैलरी बढ़ाने वाले बिल पर चर्चा हो सकती है। सोमवार को भी बिल पेश किया गया। लेकिन कोई चर्चा नहीं हुई। अंतत: शोक प्रस्ताव पढ़कर सत्र स्थगित कर दिया गया।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि विधानसभा में किसी भी वित्तीय विधेयक को पारित करने के लिए राज्यपाल की मंजूरी अनिवार्य है। इस संबंध में राज्य सरकार जिन दो विधेयकों को पारित कराना चाहती थी उनमें से किसी को भी राज्यपाल ने मंजूरी नहीं दी थी। इसलिए जब शोक प्रस्ताव के बाद सत्र स्थगित किया गया तो भाजपा विधायकों ने विधानसभा हॉल के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि राज्य सरकार ने अनैतिक तरीके से बिल विधानसभा में पेश किया है लेकिन वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य से लेकर स्पीकर बिमान बनर्जी ने तक उस मांग को स्वीकार नहीं किया।
अध्यक्ष ने दावा किया कि विधेयक पारित होने से पहले केवल राज्यपाल द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। ऐसे में बिल पेश करने और उस पर चर्चा करने में कोई बाधा नहीं है। लेकिन पूर्व विधायक के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए सत्र स्थगित कर दिया गया है। दोनों विधेयकों पर चार दिसंबर को चर्चा होगी।
सोमवार को पूरे दिन इस मुद्दे पर बहस के बावजूद मंगलवार सुबह राज्यपाल ने इन दोनों बिलों पर रियायत दे दी। हालांकि, माना जा रहा है कि एक दिन की देरी के कारण मंत्रियों और विधायकों की सैलरी बढ़ाने की प्रक्रिया में कई दिन की देरी होगी।