कोलकाता : भारत की 5 हजार साल पुरानी संस्कृति की तस्वीरें हमारे संविधान में परिलक्षित होती हैं। यह छात्रों, वकीलों और सभी उत्साही लोगों के सामने आना चाहिए।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शनिवार को संविधान में संरक्षित की गई तस्वीरों पर लक्ष्मी नारायण भल्ला की डॉक्यूमेंट्री जारी की। राज्यपाल इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे। उन्होंने वृत्तचित्र “हमारा विधान भाव और रेखांकन” के विमोचन के दौरान सैकड़ों प्रबुद्ध जनों को संबोधित करते हुए इस प्रयास की सराहना भी की है। आतंकवाद विरोधी दिवस समारोह के विशेष महत्व का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हमारे संविधान के हर हिस्से में निहित भारत की 5,000 साल पुरानी संस्कृति की छवि सामने आनी चाहिए।
समारोह की अध्यक्षता करने वाले प्रमुख लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मीनारायण भल्ला ने कहा कि हमारी लोकसभा के एक कमरे में नंदलाल बसु द्वारा खींची गई तस्वीर के साथ हिंदी और अंग्रेजी में मूल संविधान की एक हस्तलिखित प्रति है। एक कला छात्र के रूप में नंदलाल बोस ने संविधान के विशेष खंड में मोहनजोदड़ो की सभ्यता से लेकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीरें तक संरक्षित की है। डॉक्युमेंट्री “हमारा कॉन्स्टिट्यूशन थॉट्स एंड लाइन्स” में उन्होंने अपनी तरह अपने विचार व्यक्त किए हैं। डॉक्यूमेंट्री का संपादन आदित्य जैन ने किया है। लक्ष्मीनारायण भल्ला ने इस अवसर पर उनका धन्यवाद किया।