कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हालिया विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज कर विधायक चुने गए बाबुल सुप्रियो के शपथ ग्रहण शपथ ग्रहण से संबंधित फाइल को विधानसभा सचिवालय को वापस लौटा दी है। साथ ही उन्होंने दस्तावेजों में कमी का हवाला देकर विधानसभा सचिव को भी राजभवन में तलब किया है।
इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस एक बार फिर राज्यपाल पर हमलावर हो गई है। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा है कि संवैधानिक पद पर बैठकर जगदीप धनखड़ लगातार ऐसा काम कर रहे हैं जो ऐसे ओहदे पर बैठे हुए व्यक्ति से अपेक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता ने जब बाबुल को विधायक चुन लिया है तो उन्हें शपथ दिलाने से रोकने की राज्यपाल की कोशिश उनकी छोटी सोच को दर्शाता है। वह भारतीय जनता पार्टी के नेता के तौर पर काम कर रहे हैं जो संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति के लिए अशोभनीय है।
विधानसभा सचिवालय के सूत्रों ने बुधवार को बताया है कि बाबुल सुप्रियो को शपथ दिलाने संबंधी अनुमति पत्र राजभवन में राज्यपाल के पास भेजा गया था। नियमानुसार राज्यपाल की अनुमति मिलने के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाते हैं। इसके पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधायक के तौर पर चुने जाने के बाद उनके शपथ को लेकर राज्यपाल ने दस्तावेजों में खामी का दावा कर फाइल लौटा दी थी। बाद में लंबे विवाद के बाद उन्होंने अध्यक्ष विमान बनर्जी को शपथ पाठ कराने की अनुमति दी थी। अब नवनिर्वाचित विधायक बाबुल सुप्रियो को लेकर भी इसी तरह के दावे राज्यपाल ने किए हैं।