नीतीश के 7 निश्चयों में से एक भी लागू हो जाता तो बिहार की तस्वीर अलग होती : प्रशांत किशोर

मोतिहारी : जन सुराज पदयात्रा के 64वें दिन चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जिले के बनकटवा प्रखंड के निमोईया पकही गांव से चलकर खरझाकिया, घोड़ासहान के चम्पापुर कोइरिया गांव होते गिधौना, शेखौना, नगरवा बगहा, बखहा, माधोपुर, महुआवा, बसवरिया, हीरा पट्टी, भेड़ियाही, बेलही होते हुए चिरैया कोठी पहुंचे। इस दौरान कई जगह जनसभा को भी संबोधित करते हुए वर्ष 2015 में नीतीश कुमार द्वारा लायी गयी सात निश्चय योजना पर कहा कि नीतीश सरकार के सात निश्चय योजना में से एक को भी आधा-अधूरा भी पूरा कर दिया गया होता तो बिहार की स्थिति आज अलग होती। इस निश्चय में वादा किया गया था कि बिहार के 18 साल से 35 साल के हर बेरोजगार को जब तक रोजगार नहीं मिलेगा तब तक उनको हर महीने हजार रुपये दिए जाएंगे, पर आज तक किसी को एक रुपया भी नहीं दिया गया। इतना ही नहीं, स्टूडेंट्स क्रेडिट कार्ड देने की भी योजना बनाई गई थी पर आज वो काग़जों तक ही सीमित रह गया।

उन्होंने बिहार में व्याप्त भ्रष्टाचार पर बोलते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आइंस्टाइन बनने की जरूरत नहीं है। जरूरत है राजनीति में सही लोगों को चुन कर लाने की। उन्होने कहा कि सत्ता और शासन का विकेन्द्रीकरण जितना ज्यादा होगा उतना ही भ्रष्टाचार में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि अब तक का अनुभव यही कहता है कि बिहार में लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि उनका अधिकार क्या है।आधार कार्ड फ्री में बनना चाहिए, पर जानकारी ना होने की वजह से दो हजार से अधिक देना पड़ता है। साथ ही नई तकनीक का प्रयोग बेहतर होना चाहिए ताकि सारी योजनाओं का सरकार और लोग रियल टाइम एसेसमेंट कर सके।

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