हरिद्वार : हरतालिका तीज व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। जो कुंवारी कन्याएं अच्छा पति चाहती हैं या जल्दी शादी की कामना करती हैं उन्हें भी यह व्रत रखना चाहिए।
हरतालिका तीज के महत्व को बताते हुए ज्योतिषाचार्य पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री ने बताया कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है। इस बार हरितालिका तीज 30 अगस्त को मनायी जाएगी। हरितालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के द्वारा अखंड सौभाग्य, सुख-समृद्धि की कामना के लिए रखा जाता है। कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना के लिए इस व्रत को रखती हैं।
ज्योतिषाचार्य पं. शुक्ल के मुताबिक इस बार हरितालिका तीज पर हस्त और चित्रा नक्षत्र के कारण दुर्लभ संयोग बन रहा है। हरितालिका तीज पर सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक पूजा का महत्व है, लेकिन शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 58 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट जबकि शाम 5. 20 से रात 8 बजकर 59 मिनट तक प्रदोष काल में है। व्रत का पारण 31 अगस्त को किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए हरतालिका तीज का व्रत कर कठोर तपस्या की थी। उसी तरह जो स्त्रियां इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं उन्हें महादेव और माँ पार्वती की कृपा से अखंड सौभाग्य और सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम बढ़ता है। हरतालिका तीज व्रत के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि पूजा के लिए महिलाएं इन देवी-देवताओं की कच्ची मिट्टी से मूर्तियां बनाती हैं और विधि-विधान से पूजा करती हैं। इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। व्रत के अगले दिन महिलाएं पानी पीकर व्रत खोलती हैं।
उन्होंने बताया कि हरतालिका तीज पर सुहागन महिलाएं माँ पार्वती को सुहाग की सामग्री समर्पित करें। हरतालिका तीज का व्रत माता पार्वती ने भगवान शंकर को अपने पति के रूप में पाने के लिए किया था। इसीलिए हरतालिका तीज पर सुहाग महिलाएं माँ पार्वती को सुहाग की सामग्री भेंट करें।