कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता अमूमन बेहतरीन पंडालों और जानदार मूर्तियों के लिए पूरी दुनिया में विख्यात है। इस बार कोरोना संकट के बाद हो रही दुर्गा पूजा भी अपने आप में बेहद खास है। यहां के पंडाल में अब तक की सबसे खास 1000 किलो की दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई है। दावा किया जा रहा है कि यह अब तक की सबसे भारी प्रतिमा है। बेनियाटोला सार्वजनिन के पंडाल में स्थापित इस प्रतिमा को अष्ट धातु से बनाया गया है। कुम्हारटोली के मशहूर मूर्तिकार मिंटू पाल ने इस प्रतिमा के निर्माण की निगरानी की है। इसे बनाने में पांच महीने से अधिक का वक्त लगा है। प्रतिमा कितनी भारी है और कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसे पंडाल में स्थापित करने के लिए एक औद्योगिक क्रेन का इस्तेमाल करना पड़ा है। खास बात यह है कि इसे एक मंदिर में स्थापित किया गया है जिसे पंडाल से ढका गया है। इसीलिए यह प्रतिमा यहां स्थाई तौर पर रहेगी।
बेनियाटोला समिति और पश्चिम बंगाल के पर्यटन विभाग की संयुक्त पहल के तहत मूर्ति अब स्थायी रूप से मंदिर में रहेगी।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल अपने शानदार पंडाल निर्माण और गगनचुंबी मूर्तियों के लिए दुनिया भर में विख्यात है। कोरोना के बाद हो रही इस साल की पूजा कई मामलों में खास है।