◆ प्रदेश में अब तक मानसून से 1599 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान
शिमला : हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की सक्रियता के कारण भारी बारिश का दौर जारी है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग ने 31 जुलाई से 5 अगस्त 2025 तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राज्य में कई जगहों पर पहले से ही ऑरेंज अलर्ट जारी है और बीते 24 घंटों में भी कई जिलों में जोरदार बारिश हुई है, जिससे जनजीवन पर असर पड़ा है। राजधानी शिमला में भी बुधवार दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रही।
मौसम विभाग के मुताबिक, 31 जुलाई को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट है। 1 अगस्त को शिमला, सोलन और सिरमौर में, 2 अगस्त को उना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर में, 3 अगस्त को उना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 4 और 5 अगस्त को भी कई जिलों में अलर्ट रहेगा।
बीते 24 घंटों में चंबा जिले के चुआड़ी में सबसे ज्यादा 180 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई। कांगड़ा के पालमपुर में 160, कांगड़ा में 120, नादौन में 80, पंडोह में 60, संगड़ाह में 60, देहरा गोपीपुर में 50 और गोहर, पच्छाद व जोगेंद्रनगर में 40-40 मिलीमीटर बारिश हुई।
बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में अब भी 289 सड़कों पर यातायात बाधित है। 346 बिजली ट्रांसफार्मर और 254 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं। अकेले मंडी जिले में सबसे ज्यादा 193 सड़कें, 45 ट्रांसफार्मर और 58 पेयजल योजनाएं ठप हैं। कुल्लू में 47 सड़कें और 108 ट्रांसफार्मर खराब हैं, जबकि चंबा में भारी बारिश से 188 ट्रांसफार्मर और 62 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। कांगड़ा जिले में 134 पेयजल योजनाएं ठप हैं।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल के 22 संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन की निगरानी की जा रही है। मंडी जिले के पराशर और कोटरोपी, कांगड़ा के बलडुन नूरपुर, धर्मशाला और कॉलोनी कांगड़ा, सोलन के डक्षी और मंडी के कई अन्य स्थानों में भूस्खलन का खतरा कम पाया गया है। वहीं शिमला के जतोग, सोलन के डगशाई, मंडी के सनारली-2 और तत्तापानी में मध्यम खतरा दर्ज हुआ है। मंडी के संधोल में कोई खतरा नहीं पाया गया है।
बारिश से नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ गया है। कुल्लू और मनाली में भी रातभर हुई बारिश से प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है। किन्नौर जिले में भी रुक-रुक कर बारिश जारी है और बुधवार को खराब मौसम के कारण किन्नर कैलाश यात्रा स्थगित रही।
इस मानसून सीजन में अब तक हिमाचल में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से 170 लोगों की मौत हो चुकी है, 278 लोग घायल और 36 लोग लापता हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 35 मौतें हुईं और 27 लोग लापता हैं। कांगड़ा में 25, कुल्लू और चंबा में 17-17, शिमला में 14, हमीरपुर, किन्नौर, सोलन और ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है।
अब तक 103 लोग सीधे भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और बादल फटने की घटनाओं में मारे गए हैं। इसमें 34 मौतें भूस्खलन, 43 फ्लैश फ्लड और 26 बादल फटने से हुई हैं। इसके अलावा सड़क हादसों में 76 लोगों की मौत दर्ज की गई है।
बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में 1394 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 426 घर पूरी तरह ढह गए हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 986 घर प्रभावित हुए, जिनमें 378 पूरी तरह तबाह हुए हैं। इसके अलावा 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1402 मवेशी भी मारे गए हैं।
प्रदेश में अब तक मानसून से 1599 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 804 करोड़ और जल शक्ति विभाग को 550 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है। प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।