कोलकाता : वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के घर के सामने “गेट वेल सून” का कार्ड देने और फूल देने के नाम पर एकत्रित हो रहे तृणमूल कार्यकर्ताओं के जमघट पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा के एकल पीठ ने साफ कर दिया कि नेता प्रतिपक्ष के घर के सामने किसी तरह से जमघट नहीं लगना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिला पुलिस को यह सुनिश्चित करना होगा कि अधिकारी के घर के सामने किसी भी तरह से लोगों की भीड़ ना जमे। दरअसल मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ एक कथित फर्जी ट्वीट के बाद तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा था कि शुभेंदु अधिकारी एबी (अभिषेक बनर्जी) फोबिया से ग्रसित हैं और उन्हें “गेट वेल सून” की शुभकामना सहित अभिषेक के फोटो अंकित पत्र के साथ फूल भेजे जाएंगे। इसके बाद उनके घर के सामने गत रविवार से ही सैकड़ों की संख्या में तृणमूल कार्यकर्ता एकत्रित होने लगे थे।
इसके खिलाफ शुभेंदु अधिकारी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। मंगलवार को सुनवाई के दौरान शुभेंदु के अधिवक्ता ने कहा था कि इस भीड़ के पीछे कोई साजिश हो सकती है और शुभेंदु की सुरक्षा को खतरा है इसलिए इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्रालय और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को भी पार्टी बनाया गया था। इसके बाद बुधवार को न्यायमूर्ति ने साफ किया कि शुभेंदु के घर के सामने किसी भी तरह से भीड़ नहीं करनी चाहिए।
शुभेंदु के अधिवक्ता ने इस दौरान कोर्ट में कहा कि तृणमूल कार्यकर्ता फूल लेकर एकत्रित हो रहे हैं। इसके जवाब में न्यायाधीश ने कहा कि हो सकता है वे अधिकारी को बहुत प्यार करते हैं। इसके जवाब में अधिवक्ता ने कहा कि अगर प्यार करते हैं तो आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं? इसके बाद न्यायाधीश ने मजाकिया अंदाज में कहा कि बहुत ज्यादा प्यार भी कभी-कभी शुगर में तब्दील हो जाता है। उसके बाद उन्होंने कहा कि पुलिस सुनिश्चित करे कि नेता प्रतिपक्ष के घर के सामने किसी भी तरह से भीड़ नहीं जुटे।
उल्लेखनीय है कि रविवार को अधिकारी के घर के पास एकत्रित हुए तृणमूल कार्यकर्ताओं के साथ उनकी सुरक्षा में तैनात रहने वाले सीआरपीएफ के जवानों की हाथापाई हुई थी।