कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय में मंगलवार को मालदा, बासंती और गोसाबा बम विस्फोट मामले की जांच रिपोर्ट छह दिनों के भीतर केंद्र सरकार भेजने का निर्देश दिया है। उस रिपोर्ट को देखने के बाद केंद्र तय करेगा कि बम विस्फोट मामले में एनआईए जांच की जरूरत है या नहीं? अब तक स्थानीय पुलिस बम विस्फोट की जांच कर रही थी। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के खंडपीठ के निर्देश के अनुसार स्थानीय पुलिस तीन दिनों के भीतर राज्य सरकार को रिपोर्ट देगी। इसके बाद राज्य सरकार को उस रिपोर्ट को तीन दिनों के भीतर केंद्र को भेजना होगा।
उल्लेखनीय है कि दक्षिण 24 परगना जिले के बासंती के फुलमालंच इलाके के सरदारपाड़ा में 28 मार्च की सुबह एक घर में बम धमाका हुआ था। पुलिस की शुरुआती धारणा थी कि उस घर में पहले से बम रखे हुए थे। वहीं 22 अप्रैल की शाम करीब साढ़े चार बजे मालदा जिले के कालियाचक थाना क्षेत्र के गोपालगंज चौकी के गोपालनगर इलाके में बम धमाका हुआ था। आम बागान में गेंद खेलते समय हुए बम विस्फोट में पांच लड़के पलटू साहा, मिथुन साहा, अब्दुर रहान, शुभजीत साहा और विक्रम साहा गंभीर रूप से घायल हो गए।
इस घटना में एनआईए जांच का अनुरोध करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला दायर किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य ने तर्क दिया कि एनआईए की जांच तभी जरूरी है जब देश की राष्ट्रीय संप्रभुता को खतरा हो लेकिन विस्फोट मामले में ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है।
केंद्रीय एजेंसी एनआईए की ओर से बिल्वदल भट्टाचार्य ने कहा कि विस्फोटक अधिनियम के तहत केंद्र सरकार चाहे तो इसे स्वत: संज्ञान मामले के रूप में ले सकती है। याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश अधिवक्ता फिरोज एडुल्जी ने कहा कि राज्य भर में चल रहे बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए एनआईए जांच आवश्यक है।
मुख्य न्यायाधीश के खंडपीठ ने सीधे तौर पर जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को नहीं सौंपी, बल्कि फैसला केंद्र के हाथ में छोड़ दिया। केंद्र सरकार राज्य पुलिस की अब तक की जांच रिपोर्ट की जांच करेगी और तय करेगी कि इस घटना में एनआईए जांच की जरूरत है या नहीं?