कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति मामले में गिरफ्तार प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष मानिक भट्टाचार्य पर लगे जुर्माने को बढ़ाकर हाईकोर्ट ने दोगुना कर दिया है। उन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना जनवरी महीने में न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली के एकल पीठ ने लगाया था। सोमवार को उनके अधिवक्ता ने इसे रद्द करने के लिए अलग से याचिका लगाई थी जिससे नाराज न्यायाधीश ने इस जुर्माने को बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि 15 दिनों के भीतर इसका भुगतान कर देना होगा। अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो कोर्ट और सख्त कदम उठाएगा।
उल्लेखनीय है कि मालारानी पाल नाम की एक उम्मीदवार ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर दावा किया था कि आठ सालों तक उन्हें प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) के नतीजे नहीं बताए गए। उन्होंने कई आवेदन किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर कोर्ट ने पूछा कि उस समय प्राथमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष कौन थे तो बताया गया कि मानिक भट्टाचार्य। इसके बाद उन पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। 16 फरवरी तक ये रुपये दिए जाने थे लेकिन मानिक ने भुगतान नहीं किया था और पुनर्विचार याचिका लगाई थी। न्यायाधीश ने कहा कि प्रत्येक परीक्षार्थी को अपना रिजल्ट जानने का अधिकार है, उससे लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।