कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य की बिजली वितरण कंपनी को जोर का झटका दिया है। कोर्ट ने एक उपभोक्ता की याचिका पर बिजली वितरण कंपनी को कनेक्शन कटे होने की अवधि का पांच सौ रुपये रोज के हिसाब से जुर्माना देने का आदेश दिया है।
सोमवार को हाई कोर्ट में न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य ने मालदा जिले के मालदा हरिश्चंद्रपुर के बिजली उपभोक्ता सुकांत सिंह की याचिका पर यह फैसला सुनाया है। बताया गया कि मालदा हरिश्चंद्रपुर के सुकांत कुमार सिंह के पास दो बिजली कनेक्शन थे। एक वाणिज्यिक कनेक्शन अपने पोल्ट्री फार्म में चलता था जबकि दूसरा बिजली कनेक्शन घरेलू कनेक्शन था। वर्ष 2016 की बाढ़ में उसके पोल्ट्री फार्म का काफी नुकसान हो गए था।
इसके बाद बिजली वितरण कंपनी डब्ल्यूबीपीडीसीएल ने उस पर 16 हजार रुपये का बकाया बताकर वाणिज्यिक कनेक्शन काट दिया। इसके बाद कंपनी ने बिना कोई कारण उनके घर का बिजली कनेक्शन भी काट दिया। याचिकाकर्ता ने घर की बिजली कनेक्शन दोबारा जोड़ने के लिए वितरण कंपनी को दो सौ बार मेल के माध्यम से गुहार लगाई लेकिन न बिजली काटने का कोई जवाब नहीं दिया गया और न ही कनेक्शन जोड़ा गया। सुकांत और बिजली वितरण कंपनी के बीच कानूनी लड़ाई बिजली विभाग के संबंधित लोकपाल तक पहुंची थी।
लोकपाल ने सितंबर 2021 में बिजली कनेक्शन करने और मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया था। लेकिन राज्य विद्युत वितरण निगम ने इस आदेश को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। सोमवार को हाई कोर्ट के जस्टिस सब्यसाची भट्टाचार्य ने आश्चर्य व्यक्त किया कि दो सौ मेल के बाद भी विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। कोर्ट ने वितरण कंपनी को बिजली कनेक्शन कटे होने की अवधि का पांच सौ रुपये रोज के हिसाब से जुर्माना याचिकाकर्ता को देने का आदेश दिया।