◆ प्रदर्शनकारियों की संख्या 200 तक सीमित, पुलिस को भी नरम रुख अपनाने की सलाह
कोलकाता : शिक्षक पात्रता की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे एसएससी अभ्यर्थियों को अब सेंट्रल पार्क में प्रदर्शन की सशर्त अनुमति मिल गई है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को अपने आदेश में कहा कि अब प्रदर्शनकारी विकास भवन के बजाय सेंट्रल पार्क के स्विमिंग पूल के पास धरना दे सकेंगे। अदालत ने साफ किया कि एक समय में अधिकतम 200 प्रदर्शनकारी ही धरना स्थल पर मौजूद रह सकेंगे।
जस्टिस तीर्थंकर घोष की अध्यक्षता वाली अदालत ने पुलिस को भी सलाह दी है कि वह इस मामले में ‘धीरे चलो’ की नीति अपनाए और मानवीय दृष्टिकोण से हालात को संभाले। साथ ही कोर्ट ने आंदोलनकारियों के लिए बायो-टॉयलेट और पीने के पानी की उचित व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया है। प्रदर्शनकारी प्रतिनिधियों के नाम भी कोर्ट को सौंपने होंगे।
इससे पहले 15 मई को विकास भवन के बाहर हुए उग्र प्रदर्शन के बाद कई आंदोलनकारियों को बिधाननगर पुलिस ने नोटिस भेजा था और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब तक मामला लंबित है, तब तक पुलिस या बोर्ड कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर सकते।
बता दें कि वर्ष 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया में कथित भ्रष्टाचार के चलते सुप्रीम कोर्ट ने पूरी सूची को रद्द कर दिया था, जिससे करीब 26 हजार शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी एक झटके में बेरोजगार हो गए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद फैसला लिया गया कि 31 दिसंबर 2024 तक शिक्षक स्कूल जा सकेंगे और वेतन भी मिलेगा, लेकिन गैर-शिक्षण कर्मियों के लिए यह छूट नहीं है। अब नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की बात कही जा रही है, जिसे आंदोलनकारी मानने को तैयार नहीं हैं।