कोलकाता : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के बीरभूम रामपुरहाट कैंप में बीरभूम नरसंहार के कथित मास्टरमाइंड लालन शेख की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कलकत्ता हाईकोर्ट संतुष्ट नहीं है। राज्य सीआईडी पर जांच को प्रभावित करने और रिपोर्ट में हेरफेर के लग रहे आरोपों के बीच बुधवार को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति जयसेन गुप्ता ने इस रिपोर्ट को दिल्ली एम्स भेजने का निर्देश दिया है। एक प्रति कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में भी भेजी जाएगी। दोनों ही अस्पतालों के विशेषज्ञ इस पर अपनी रिपोर्ट देंगे।
गत 14 दिसंबर को मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में सीबीआई ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी और दूसरी पोस्टमार्टम की मांग की थी। हाईकोर्ट ने कल्याणी एम्स में पोस्टमार्टम के संकेत भी दिए थे लेकिन राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि शव को दफन कर दिया गया है और दूसरी बार पोस्टमार्टम के लिए उसे निकालना मुश्किल होगा। इसके बाद कोर्ट ने यह निर्देश नहीं दिया था और पहली रिपोर्ट को लेकर ही दिल्ली एम्स में विशेषज्ञों की टिप्पणी मांगी गई है।
उल्लेखनीय है कि गत 12 दिसंबर को बीरभूम के रामपुरहाट सीबीआई कैंप में लालन शेख की मौत हुई थी जिसके बाद सीबीआई के सात अधिकारियों के खिलाफ राज्य सीआईडी ने प्राथमिकी दर्ज की है। इसमें दो अधिकारी ऐसे भी हैं जिनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं लेकिन उन्होंने मवेशी तस्करी मामले में बीरभूम जिले के बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया था। इसकी वजह से पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे थे।