बीरभूम नरसंहार मामले पर हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित

Calcutta High Court

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बगटुई गांव में आठ लोगों को जिंदा जलाने के मामले में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन कलकत्ता हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

बीरभूम नरसंहार कांड पर मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजश्री भारद्वाज के खंडपीठ में दोपहर 2 बजे के बाद सुनवाई शुरू हुई। हाई कोर्ट ने इस घटना का स्वत: संज्ञान लिया है, जबकि दो याचिकाएं भी दाखिल हुई हैं। बुधवार को पहले दिन की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से घटना की रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर पेश करने को कहा था। उसी के मुताबिक गुरुवार को सुनवाई के दौरान राज्य पुलिस ने केस डायरी खंडपीठ में जमा कराई थी। दोनों न्यायाधीशों ने केस डायरी को देखा और यह कहते हुए वापस किया कि आवश्यकता पड़ने पर दोबारा केस डायरी को मंगाया जाएगा।

घटना की किसी भी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग को लेकर राज्य सरकार के महाधिवक्ता सोमेंद्र नाथ मुखर्जी और विपक्ष के अधिवक्ताओं के बीच तीखी बहस हुई। भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल, माकपा के अधिवक्ता शमीम अहमद और कांग्रेस के अधिवक्ता सब्यसाची चटर्जी ने अपनी दलीलें रखीं। विपक्ष के तीनों ही अधिवक्ताओं ने राज्य सरकार की एसआईटी के मुखिया और राज्य सीआईडी के डीआईजी ज्ञानवंत सिंह की विश्वसनीयता पर सवाल उठाये। इन अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि सिंह पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित रिजवानुरकांड में आरोपित रहे हैं। इसके अलावा राज्य में कोयला तस्करी के मामले में भी उनकी भूमिका संदिग्ध हैं और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके खिलाफ जांच कर रहा है।

इसके अलावा कोर्ट में घटनास्थल पर पहुंचीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस कांड के पीड़ित परिवारों के लिए वित्तीय मदद की घोषणा और मीडिया के कैमरों के सामने पुलिस महानिदेशक को किसे गिरफ्तार करना है और कैसे जांच करने हैं, के निर्देश देने को लेकर भी सवाल उठाए गए। इसके जवाब में महाधिवक्ता ने कहा कि ममता बनर्जी राज्य की मुख्यमंत्री होने के साथ गृह मंत्री भी हैं। वह मौके पर जाकर दिशा निर्देश दे ही सकती हैं।

 

सुनवाई के दौरान वकीलों की तेज आवाज में बहस के दौरान कई बार न्यायाधीश को उन्हें चुप कराना पड़ा। सभी पक्षों को सुनने के बाद शाम 5:30 बजे के करीब मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमने सभी पहलुओं को परख लिया है। आदेश संरक्षित किया जाता है। हम जल्द ही इस पर फैसला सुनाएंगे। माना जा रहा है कि शुक्रवार को हाई कोर्ट इस पर अपना फैसला सुना सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *