मनरेगा भ्रष्टाचार पर हाईकोर्ट ने ममता सरकार से मांगी रिपोर्ट

Calcutta High Court

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में भ्रष्टाचार को लेकर दाखिल हुई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार से जवाब-तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और राजर्षि भारद्वाज के खंडपीठ ने इस बाबत लिखित में जवाब मांगा है कि इस पर राज्य सरकार का क्या कहना है। 20 दिसंबर तक जवाब दाखिल किया जाना है।

वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने गत 14 नवंबर को एक जनहित याचिका लगाई थी जिसमें दावा किया था कि मनरेगा के लिए केंद्र सरकार ने फंड दी है। यह केंद्रीय योजना है लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने इस फंड का इस्तेमाल कहीं और किया और अपनी पार्टी के लोगों को मनरेगा मजदूर के तौर पर दिखाकर बड़े पैमाने पर रुपये का गबन हुआ है। उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।

शुभेंदु ने यह भी कहा था कि राज्य में 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना की फंडिंग और खर्च की ऑडिट सीएजी से कराई जानी चाहिए। सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पहले राज्य सरकार को जवाब देने का मौका दिया जाएगा। 20 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी। उसके पहले सरकार से लिखित में इस बारे में जवाब दाखिल करने को कहा गया है।

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