हाई कोर्ट का सीबीआई को आदेश : पार्थ चटर्जी और उसके करीबियों को दी गई नौकरी की जल्द पूरी करें जांच

Calcutta High Court

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई कर रहे कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबियों को नौकरी मिलने की जांच जल्द पूरी करने का आदेश सीबीआई को दिया है। गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि जांच में साफ हो चला है कि पार्थ चटर्जी के बॉडीगार्ड और उनके अन्य करीबियों को गैरकानूनी तरीके से नौकरी मिली है। धीरे-धीरे समय जा रहा है, इसमें ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए इसलिए सीबीआई जल्द से जल्द इन नियुक्तियों की जांच पूरी करे। जिन्हें नौकरी दी गई है वे मेरिट लिस्ट में शामिल थे या नहीं यह भी जांच करनी होगी।

इसके अलावा न्यायमूर्ति गांगुली ने सीबीआई से साफ कहा कि पार्थ के बॉडीगार्ड विश्वंभर मंडल और उन सभी लोगों से पूछताछ शुरू की जाए जो संदेह के दायरे में हैं। दरअसल रमेश मलिक नाम के एक व्यक्ति की याचिका पर गत जुलाई महीने में न्यायमूर्ति गांगुली के एकल पीठ में सुनवाई शुरू हुई थी। अभी तक 10 ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिल चुकी है जो शिक्षा मंत्री के बॉडीगार्ड के रिश्तेदार थे और उनकी नौकरी गैरकानूनी तरीके से मिलने का दावा किया जा रहा है। गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा परिषद के दफ्तर में बैठकर सीबीआई नियुक्ति संबंधी तमाम दस्तावेजों को देख सकती है। 16 सितंबर के पहले यह काम पूरा करना होगा। जिन 10 लोगों को संदिग्ध तौर पर नौकरी दी गई है उनसे पूछताछ भी शुरू करनी होगी।
हालांकि सीबीआई ने बताया कि आठ लोगों से पूछताछ हो गई है लेकिन बाकी दो लोगों से अभी तक संपर्क नहीं हो पाया है। दरअसल पार्थ चटर्जी के बॉडीगार्ड का नाम विश्वंभर है जो पूर्व मेदिनीपुर जिले के चंडीपुर थाना अंतर्गत दिवाकर पुर पंचायत के प्रथम खंड जलपाई गांव का रहने वाला है। हावड़ा में उसका एक बहुमंजिला मकान भी है जहाँ वह सपरिवार रहता है। आरोप है कि जब वह पार्थ चटर्जी का बॉडीगार्ड था तब उसकी पत्नी रीना, उसके दो भाई बंशीलाल और देवगोपाल, उसके मौसी के बेटे पूर्ण मंडल, मौसी की बेटी गायत्री मंडल, रिश्तेदार भीष्म देव मंडल, मौसी के दमाद सोमनाथ पंडित, साला अरूप भौमिक, साली अंजना मंडल और पड़ोसी अमलेश राय को शिक्षक की नौकरी मिली है। विश्वंभर से जुड़े इतने लोगों को एक साथ नौकरी मिलना निश्चित तौर पर संदेह के दायरे में है और सीबीआई इन सभी से पूछताछ कर बयान दर्ज करेगा।

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