कोलकाता : पश्चिम बंगाल में अंतर्कलह से जूझ रही भाजपा नेताओं को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मिलजुल कर काम करने की नसीहत दी थी। खासकर दिलीप घोष और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के बीच व्याप्त तल्खी दूर करने पर विशेष जोर दिया गया था लेकिन अधिकारी पर इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा। कांथी में होने वाली शुभेंदु की जनसभा के लिए जो पोस्टर बनवाया गया है उसमें दिलीप घोष की तस्वीर नहीं है। इसे लेकर पार्टी के एक गुट ने सवाल खड़ा किया है। सोशल मीडिया पर रैली के पोस्टर शेयर कर पार्टी कार्यकर्ता शुभेंदु अधिकारी पर हमलावर हैं। हालांकि अधिकारी गुट का कहना है कि प्रदेश भाजपा में दिलीप घोष की कोई जिम्मेवारी नहीं है इसलिए उनकी तस्वीर नहीं लगाई गई है। शुभेंदु की रैली के लिये प्रकाशित पोस्टर और होर्डिंग में प्रधानमंत्री मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की तस्वीरें हैं लेकिन दिलीप घोष की तस्वीर नहीं है।
पार्टी के एक गुट का दावा है कि पिछले कुछ सालों के दौरान ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि पश्चिम बंगाल भाजपा का कोई बड़ा कार्यक्रम हो और उसमें प्रदेश नेताओं में दिलीप घोष की तस्वीर नहीं लगी हो। उल्लेखनीय है कि दिलीप घोष ने शुभेंदु की डेट पॉलिटिक्स का खुलकर विरोध किया था। इसके जवाब में शुभेंदु अधिकारी ने मॉर्निंग वॉक के दौरान नियमित तौर पर मीडिया से बात करने को लेकर दिलीप घोष की खिंचाई की थी।
इसके बाद गत 17 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल लाए थे। कोलकाता में उन्होंने पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर विशेष तौर पर शुभेंदु अधिकारी और दिलीप घोष को मिलजुल कर काम करने की नसीहत दी थी। इन नेताओं की दिल्ली में भी क्लास लगी थी जिसमें किसी भी तरह से पार्टी में फूट को स्वीकार नहीं करने की बात समझाई गई थी लेकिन इसका कोई असर होता नहीं दिख रहा।