कोलकाता : राज्य के मुख्य सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी ने प्रदेश के सभी विभागों से पूछा है कि मुख्यमंत्री द्वारा गठित शिकायत प्रकोष्ठ (ग्रिवांस सेल) में दर्ज शिकायतों का निस्तारण कैसे हो रहा है? एक अधिसूचना में मुख्य सचिव ने राज्य सरकार के विभागों से कुल आठ मुद्दों पर रिपोर्ट मांगी है। इसमें मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ का मामला भी शामिल है।
इस सेल का गठन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के लोगों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए किया था। तब से अब तक इस सेल में कितनी शिकायतें दर्ज हुई हैं और कितने का निस्तारण हुआ है, इस पर मुख्य सचिव नजर रखते हैं। विभागों को 15 जून तक अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। यानी अगले एक सप्ताह के भीतर राज्य सरकार के सभी विभागों को एक विस्तृत रिपोर्ट मुख्य सचिव को देनी होगी। मुख्य सचिव कार्यालय को दी जाने वाली रिपोर्ट में संबंधित कार्यालय के प्रभारी अधिकारी के हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। राज्य में इसी साल पंचायत चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव अगले साल हैं। हालांकि सचिवालय के आला अधिकारियों को नहीं लगता कि इस रिपोर्ट का चुनाव से कोई लेना-देना है।
शिकायत प्रकोष्ठ के अलावा यह भी पूछा गया है कि विभागों से संबंधित अदालत में चल रहे सभी मामलों की क्या स्थिति है। विभिन्न विभागों में रोजगार के संबंध में क्या कदम उठाए गए हैं। मुख्य सचिव के कार्यालय को यह भी रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है कि ग्राउंड फ्लोर पर स्थिति की जांच करने के बाद विभिन्न मुद्दों पर उच्च पदस्थ अधिकारियों द्वारा क्या रिपोर्ट दी गई है। विभिन्न वन क्षेत्रों में अक्सर मनुष्यों और जंगली जानवरों के बीच संघर्ष की बात सामने आती रहती है। ऐसी घटनाओं में मौत भी हो जाती है। मुख्य सचिव ने यह भी पूछा है कि संबंधित परिवारों को राज्य सरकार ने उचित मदद की है या नहीं?
मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों के सुरक्षा ऑडिट और विभिन्न विभागों की संपत्तियों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, इसकी भी जानकारी देने को कहा है। इस अधिसूचना के बाद सभी विभागों में सक्रियता शुरू हो गई है। रिपोर्ट मिलने पर मुख्य सचिव संबंधित अधिकारियों संग बैठक कर सकते हैं। मुख्य सचिव ने विगत मई में विभिन्न विभागों के साथ समीक्षा बैठक की थी।