नयी दिल्ली : लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को संसद के बाहर पत्रकारों से बातचीत में एक बार फिर दोहराया कि राष्ट्रपति को गलत तरीके से संबोधित करना उनका मकसद नहीं था, बल्कि भूलवश उनके मुंह से वह शब्द निकला था। उन्हें हिन्दी भाषा बोलने की आदत नहीं है, वे बंगाली हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति से उन्होंने मिलने का समय मांगा है और उनके समक्ष आवश्यकता पड़ने पर वे माफी मांगेगें लेकिन सत्ता पक्ष के दबाव में माफी नहीं मागेंगे।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को दो से तीन बार पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने पूरे घटनाक्रम पर एक वीडियो जारी कर कहा कि उन्होंने जानबूझकर राष्ट्रपति को अपमानित नहीं किया है। बुधवार को गलती से विजय चौक पर प्रेसवार्ता के दौरान वह राष्ट्रपति को ‘राष्ट्रपत्नी’ बोल गए थे। वह एक गलती थी। उनका मकसद राष्ट्रपति को अपमानित करना नहीं था। हम सभी उनके पद का सम्मान करते हैं।
चौधरी ने कहा कि उन्होंने कल सिर्फ एक बार राष्ट्रपत्नी शब्द का गलती से प्रयोग किया। इस बात के लिए उसी समय खेद प्रकट किया। गलती का एहसास होने पर उन्होंने पत्रकार से अनुरोध करना चाहा कि वह इस शब्द को न चलाएं लेकिन उसे प्रसारित कर दिया।
चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपति का पद सभी के लिए सम्माननीय है हम सभी उनका आदर और सम्मान करते हैं। भाजपा बिना बात के उनसे हुई चूक पर हंगामा कर रही है। भाजपा के पास इस समय बोलने के लिए कुछ नहीं है इसलिए वह ऐसे मुद्दों को तूल देने की कोशिश कर रही है।
उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी आज संसद परिसर में कहा कि उनके नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपने बयान पर माफी मांग ली है।