कोलकाता : पश्चिम बंगाल के सीनियर डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ कोई सज़ा दी जाती है तो वे भी हड़ताल पर चले जाएंगे। गुरुवार को कोलकाता के स्वास्थ्य भवन के सामने आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में 10 डॉक्टर संगठनों के सदस्यों ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में हड़ताल की जाएगी।
स्वास्थ्य भवन के सामने मंगलवार से ही जूनियर डॉक्टर धरने पर बैठे हुए हैं। उनके समर्थन में सीनियर डॉक्टर भी आ गए हैं। मेडिकल सर्विस सेंटर के राज्य सचिव बिप्लव चंद ने कहा कि हम सीनियर डॉक्टर राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को संभालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। सरकार से हमारी अपील है कि हमें ऐसा करने के लिए मजबूर न करें जिससे लोगों की सेहत पर असर पड़े।
बिप्लव चंद ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में भारी भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जिसे रोकने के लिए कदम उठाने की ज़रूरत है।
‘जॉइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स’ के सदस्य सुशांत चौधरी ने जूनियर डॉक्टरों की मांग को जायज़ ठहराया और कहा कि जूनियर डॉक्टरों की मांगें पूरी तरह से उचित हैं। इन मांगों को मानने के लिए सरकार की तरफ से इच्छाशक्ति होनी चाहिए।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्य संजीव बनर्जी ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाने की ज़रूरत बताई। उन्होंने कहा कि जिनके खिलाफ आरोप लगे हैं, उनका पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और सदस्यता भी समाप्त कर दी गई है। मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जा रही है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शाम पांच बजे तक जूनियर डॉक्टरों को काम पर लौटने का आदेश दिया था, लेकिन डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर डटे रहे। उनका कहना है कि अगर उनकी पांच सूत्रीय मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन जारी रहेगा।