कोलकाता : बकाया डीए की मांग को लेकर राज्य के सरकारी कर्मचारियों के धरने का आज दूसरा दिन है। वहीं राज्य सरकार की चेतावनी के बावजूद आंदोलनकारी 48 घंटे के धरने के फैसले पर अड़े हैं। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों और सरकार के बीच खींचतान के संदर्भ में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। दिलीप घोष ने मंगलवार को कहा कि आंदोलन ऐसे ही चलता रहा तो कोई नतीजा नहीं निकलेगा। सरकार के साथ चर्चा में बैठना चाहिए। सरकार गलत सर्कुलर से लोगों को डरा नहीं सकती। कर्मचारियों को अपना पेट बांधकर काम नहीं करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कल यानी सोमवार को राज्य के विभिन्न जिलों के सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों का एक समूह हड़ताल में शामिल हुआ। इस बीच धर्मतल्ला में बकाया डीए की मांग को लेकर संगमरी संयुक्त मंच के आंदोलन को 26 दिन हो गया है। सरकारी कर्मचारियों का आंदोलन आज मंगलवार को और भी व्यापक हो गया है।
आंदोलनकारियों का कहना है कि उनका डर खत्म हो गया है, वे अधिक एकजुट हैं। सरकार की ओर से कोई संवाद नहीं किया गया। आज उपवास का 12वां दिन है। भीड़ हर दिन बढ़ती जा रही है। प्रदेशभर में पेन डाउन जारी है। बजट में तीन फीसदी डीए की घोषणा ने आग में घी का काम किया है। एक ओर जहां बकाया महंगाई भत्ते (डीए) की मांग को लेकर प्रदेश भर में आंदोलन व धरना चल रहा है। इस बीच सत्ता पक्ष की बेचैनी बढ़ाते हुए तृणमूल शिक्षा प्रकोष्ठ के शिक्षक एक के बाद एक इस्तीफा दे रहे हैं। राज्य में तृणमूल शिक्षा प्रकोष्ठ से कम से कम 50 शिक्षकों ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया।
संयुक्त मंच की ओर से बताया गया है कि इस संयुक्त मंच का आंदोलन 28 संगठनों के साथ शुरू किया गया था। अब इसकी संख्या बढ़कर 38 हो गई है। उनका कहना है कि बकाया डीए नहीं मिलने तक आंदोलन जारी रहेगा।