नयी दिल्ली : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि ‘रामचरितमानस’ भारतीय सनातन, भारत की सांस्कृतिक चेतना का अग्रदूत है। समस्त सनातन प्रेमियों के लिए यह ग्रंथ उच्च मानवीय मूल्यों व आदर्शों का पालन करने की प्रेरणा देता है। बिहार के मूढ़ शिक्षा मंत्री का रामचरितमानस के संदर्भ में दिया गया बेतुका बयान समाज को बांटने वाला है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को बिहार के अज्ञानी शिक्षामंत्री को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। करोड़ों सनातनियों के श्रद्धा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। वोट बैंक के लिए जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस लगातार सनातन धर्म का अपमान करती आ रही है। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “धृतराष्ट्र कुमार” को छात्रों को पुलिस पीटती है तो पता नहीं चलता, बक्सर में प्रशासन द्वारा किसानों को पीटा जाता है तो पता नहीं चलता है, बिहार का शिक्षा मंत्री रामचरितमानस पर अशोभनीय टिप्पणी करता है तो भी उन्हें जानकारी नहीं मिलती है, आखिर किस बात के मुख्यमंत्री हैं? बिहार में चारों तरफ अराजकता का माहौल है। पुलिस व अपराधी बेलगाम हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आज बिहार की जनता त्रस्त है और नीतीश कुमार पिकनिक यात्रा कर रहे हैं। अज्ञानी शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस पर अशोभनीय टिप्पणी कर पूरे बिहार को शर्मसार किया है।
उल्लेखनीय है कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक कार्यक्रम में कहा कि मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं। रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं। यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं। एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं। उन्होंने कहा था कि नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी, देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी।