West Bengal : आदिवासी सेंगेल अभियान द्वारा बुलाये गये भारत बंद का दक्षिण दिनाजपुर में असर, रेल अवरोध

दक्षिण दिनाजपुर : सरना धर्म को मान्यता देने समेत कई मांगों को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान ने शनिवार को 12 घंटे के भारत बंद का आह्वान किया है। इसका असर राज्य के साथ-साथ दक्षिण दिनाजपुर जिले पर भी पड़ा है। बालुरघाट बस स्टैंड से निजी बस सेवा बंद है। केवल लंबी दूरी की बसें ही आ रही है। हालांकि, सरकारी बसें चल रही है। ऐसे में यात्रियों की संख्या काफी कम है। बस नहीं चलने से दैनिक यात्रियों को खासा परेशानी हो रही है। इधर, अप्रिय घटना को रोकने के लिए बालुरघाट शहर में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात रखा गया है। बालुरघाट थाने के आईसी शांतिनाथ पांजा शहर की सुरक्षा व्यवस्था की जांच करने के लिए खुद हिली मोड़ इलाके में पहुंचे।

दूसरी तरफ, गंगारामपुर में भी रेल अवरोध की सूचना है। इस दिन आदिवासी सेंगेल अभियान के सदस्य तीर-धनुष के साथ गंगारामपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। सुबह करीब सात बजे जब तेभागा एक्सप्रेस गंगारामपुर रेलवे स्टेशन पहुंची तो ट्रेन को रोक दिया गया। लंबे समय तक रेल बाधित रहने से यात्रियों को काफी परेशानी हुई।

इस संबंध में आदिवासी सेंगेल अभियान के दक्षिण दिनाजपुर जिलाध्यक्ष परिमल मार्डी ने कहा कि सरना धर्म की मान्यता की मांग को लेकर आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। जिस वजह से ट्रेन को रोका गया है। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र उनकी मांगें नहीं मान लेता तब तक आंदोलन और नाकाबंदी चलती रहेगी।

सूत्रों के अनुसार, पुरुलिया, बांकुड़ा, आसनसोल, दक्षिण दिनाजपुर और मालदा के कई स्टेशनों पर रेल रोको कार्यक्रम चला है। नाकेबंदी में 500 से ज्यादा ट्रेनें फंसी हुई है।

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस नाकेबंदी के कारण काफी नुकसान हुआ है। पैसेंजर ट्रेन के साथ-साथ 12 मालगाड़ियां भी फंसी हुई है। वहीं, हावड़ा-रांची वन्दे भारत एक्सप्रेस पुरुलिया में फंस गई है।

इससे पहले इस साल की शुरुआत में भी छह सूत्री मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान के आह्वान पर जिले में रेल रोको और चक्का जाम किया गया था। 11 फरवरी को ‘आदिवासी सेंगेल अभियान’ नामक संगठन ने सरना धर्म को मान्यता देने के लिए झारखंड के पारसनाथ मंदिर को आदिवासियों को सौंपने समेत छह सूत्री मांगों को लेकर बंगाल, बिहार, ओडिशा, झारखंड और असम में चक्का जाम कार्यक्रम का आह्वान किया था।

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