प्रधानमंत्री मोदी की गेमिंग क्षमता से प्रभावित हुए युवा गेमर्स ने उन्हें ‘नमो ओपी’ दिया नाम

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीसी और वीआर गेमिंग की दुनिया में खुद को सराबोर करते हुए भारत के शीर्ष गेमर्स के साथ एक अनोखी बातचीत की। सत्र के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने तेजी से विकसित हो रहे गेमिंग उद्योग के प्रति अपना उत्साह दिखाते हुए गेमिंग सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया।

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने जिन सात गेमर्स से मुलाकात की, उनमें तीर्थ मेहता (जीसीटीर्थ), पायल धारे (पायल गेमिंग), अनिमेश अग्रवाल (8बीठग), अंशु बिष्ट (गेमरफ्लीट), नमन माथुर (मॉर्टल), मिथिलेश पाटणकर (मिथपैट) और गणेश गंगाधर (एसक्रोसी) शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गेमिंग कम्युनिटी के इन बहुचर्चित लोगों की मुलाकात का पूरा वीडियो आज रिलीज कर दिया गया है। इससे पहले 11 अप्रैल को इस मुलाकात का एक टीजर रिलीज किया गया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाकात के दौरान मोबाइल, पीसी और वीआर गेमिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री का गेम नियंत्रण और उद्देश्यों की त्वरित समझ से युवा गेमर्स आश्चर्यचकित हो गए। प्रधानमंत्री मोदी के गेमिंग कौशल से प्रभावित होकर गेमिंग समुदाय ने उन्हें ‘नमो ओपी’ नाम दिया। यहां ओपी का मतलब प्रबल होता है। गेमर्स ने कहा, “हम सभी के पास गेमर टैग हैं। चूंकि आप हमारी तरह जेन जेड हैं, इसलिए हम अब आपको ‘नमो ओपी’ (प्रबलित) कहेंगे, क्योंकि आप हमारे लाइवस्ट्रीम चैट में देश के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति हैं।”

जिस बात ने पूरी बातचीत को और भी दिलचस्प बना दिया, वह थी प्रधानमंत्री मोदी की ट्रेंडिंग गेमिंग भाषा जैसे ‘ग्राइंड’, ‘एएफके’ और बहुत कुछ सीखने की उत्सुकता। मोदी ने जीटीजी (गॉट टू गो) और एएफके (कीबोर्ड से दूर) जैसे कई गेमिंग वाक्यांश भी सीखे, जिनका उपयोग क्रिएटर्स द्वारा लाइव-स्ट्रीमिंग के दौरान किया जाता है। उन्होंने अपनी एक भाषा ‘पी2जी2’ भी साझा की, जिसका अर्थ है ‘प्रो पीपल गुड गवर्नेंस’।

प्रधानमंत्री ने देश के कुछ शीर्ष गेमर्स के साथ बातचीत के दौरान विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘नोब’ कहा। यह शब्द किसी ऐसे व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो नौसिखिया है या खेल में बहुत कुशल नहीं है। मोदी ने कहा, “अगर मैं चुनाव के दौरान इस शब्द (नोब) का इस्तेमाल करता हूं, तो लोगों को आश्चर्य होगा कि मैं किसकी बात कर रहा हूं… अगर मैं ऐसा कहूंगा, तो आप एक विशेष व्यक्ति के बारे में सोचेंगे।”

प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल ईस्पोर्ट्स और गेमिंग सामग्री निर्माण की क्षमता के बारे में बात की बल्कि गेम विकास की भी बात की जो भारत और उसके मूल्यों पर केंद्रित है। उन्होंने प्राचीन भारतीय खेलों को डिजिटल प्रारूप में जीवंत करने की क्षमता पर चर्चा की, वह भी ओपन-सोर्स स्क्रिप्ट के साथ ताकि देश भर के युवा इसमें अपना योगदान दे सकें।

प्रधानमंत्री ने युवा गेमर्स से कहा कि आज वैश्विक नेता ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के बारे में बात करते हैं। लोग विभिन्न समाधानों के बारे में बात करते हैं लेकिन मैंने दुनिया के सामने कुछ अलग प्रस्तुत किया है, और वह है मिशन लाइफ। उन्होंने कहा कि आप वैश्विक जलवायु मुद्दों को हल करने के उद्देश्य से एक गेम की कल्पना करें, जहां गेमर जलवायु के प्रति सबसे टिकाऊ दृष्टिकोण की पहचान करने के लिए विभिन्न तरीकों और समाधानों की खोज करता है। उन्होंने कहा कि आप ‘स्वच्छ भारत’ पर आधारित एक गेम भी विकसित कर सकते हैं। खेल का विषय स्वच्छता के बारे में हो सकता है और हर बच्चे को इसे खेलना चाहिए। युवाओं को भारतीय मूल्यों को अपनाना चाहिए और उनके वास्तविक महत्व को समझना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका प्रयास है कि 2047 तक देश को उस स्तर तक ऊपर उठाया जाए कि मध्यम वर्ग को अपने जीवन में किसी अनावश्यक सरकारी हस्तक्षेप की आवश्यकता न पड़े। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो हम कागजी कार्रवाई, दस्तावेजों और कानूनी व्यवस्था के चक्र में फंसे रहेंगे।

गेमर्स ने प्रधानमंत्री के साथ गेमिंग उद्योग में नए विकास पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे सरकार ने गेमर्स की रचनात्मकता को पहचाना है और भारत में गेमिंग उद्योग को बढ़ावा दिया है।

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