इस्लामाबाद : पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और मुल्क के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को शनिवार को तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद लाहौर के जमान पार्क स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच पीटीआई प्रमुख की कानूनी टीम ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आज बड़े घटनाक्रम में संघीय राजधानी की एक जिला एवं सत्र अदालत ने इमरान खान को सरकारी उपहार डिपॉजिटरी से संबंधित भ्रष्ट गतिविधियों के लिए दोषी ठहराया। क्रिकेटर से नेता बने 70 वर्षीय इमरान पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री की हैसियत से की गई विदेश यात्राओं के दौरान मिले उपहारों को खरीदने और बेचने पर पद का दुरुपयोग किया। इनकी कीमत 14 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (635,000 डॉलर) से अधिक थी।
इस मामले की स्वीकार्यता की मांग करने वाली इमरान खान की याचिका को खारिज करते हुए अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने पूर्व प्रधानमंत्री को तीन साल कैद की सजा सुनाई। उन्होंने फैसले में कहा- ”पीटीआई अध्यक्ष के खिलाफ संपत्तियों की गलत घोषणा के आरोप साबित हुए हैं।” इसके बाद उन्होंने खान को तीन साल की जेल की सजा सुनाई और 100,000 रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही उनकी तत्काल गिरफ्तारी का वारंट जारी किया। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि दोषसिद्धि से खान के आगामी आम चुनाव में भाग लेने की संभावना समाप्त हो सकती है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने तोशाखाना मामले को सुप्रीम कोर्ट और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) सहित कई मंचों पर चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय से याचिका खारिज किए जाने के बाद निचली अदालत ने उन्हें तोशाखाना मामले में सुनवाई के लिए आज (शनिवार को) निजी तौर पर तलब किया था। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मामले को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने के खान के अनुरोध को भी ठुकरा दिया था और अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हुमायूं दिलावर को मामले की सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया।
महंगा पड़ा उपहार में मिले सामान को बेचकर पैसे कमाना, पांच साल चुनाव नहीं लड़ सकेंगे इमरान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को उपहार में मिले सामान को बेचकर पैसे कमाना महंगा पड़ गया है। भ्रष्टाचार के इस मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद इमरान खान अब पांच साल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के मामले में तीन साल की सजा सुनाने वाले इस्लामाबाद जिला सत्र न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि जुर्माना नहीं देने पर उन्हें और छह महीने तक जेल में रखा जाएगा। दिलावर ने अपने फैसले में कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष के खिलाफ संपत्ति की गलत घोषणा करने के आरोप साबित हुए हैं। सजा होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इसके साथ ही इमरान खान पर पांच साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लग गई है।
दरअसल, पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गण्यमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।