नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बारिश और उससे उत्पन्न प्राकृतिक आपदा का उल्लेख किया और कहा कि इनके बीच हम सभी देशवासी एक बार फिर सामूहिक प्रयास की शक्ति को सामने लेकर आए हैं।
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— Narendra Modi (@narendramodi) July 30, 2023
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ दिन प्राकृतिक आपदाओं के कारण चिंता और परेशानी से भरे रहे हैं। स्थानीय लोगों, एनडीआरएफ के जवानों और स्थानीय प्रशासन के साथ दिन-रात की मेहनत से हम इन आपदाओं का मुकाबला कर पाए हैं।
प्रधानमंत्री ने मासिक रेडियो कार्यक्रम के 103वें एपिसोड में कहा कि ‘मेरी माटी, मेरा देश’ के तहत देशभर में अमर बलिदानियों की स्मृति में अनेक कार्यक्रम आयोजित होंगे। साथ ही इन विभूतियों की स्मृति में देश की लाखों ग्राम पंचायतों में विशेष-शिलालेख भी स्थापित किए जाएंगे। इस अभियान के तहत देशभर में ‘अमृत कलश’ यात्रा भी निकाली जाएगी। पूरे देश के गांव-गांव से कोने-कोने से मिट्टी लेकर यह अमृत कलश यात्रा देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेगी। यात्रा अपने साथ देश के अलग-अलग हिस्सों से पौधे लेकर भी आएगी। कलश में लाई मिट्टी को पौधों से मिलाकर फिर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के समीप ‘अमृत वाटिका’ का निर्माण किया जाएगा। यह अमृत वाटिका ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का बहुत ही भव्य प्रतीक बनेगी।
हज यात्रा नीति में बदलाव की हर ओर हो रही प्रशंसा
प्रधानमंत्री ने कहा कि हज यात्रा नीति में पिछले सालों में किए गए बदलाव की सब जगह सराहना हो रही है। खासकर मुस्लिम महिलाएं उन्हें चिठ्ठ लिखकर आशीर्वाद दे रही हैं। नीति में बदलाव के चलते अब महिलाएं भी बिना पुरुष सहयोगी के हज यात्रा कर सकती हैं। प्रधानमंत्री ने इसके लिए सऊदी सरकार का धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहा कि पहले मुस्लिम महिलाओं को बिना मेहरम की हज यात्रा की इजाजत नहीं थी। यह एक बड़ा बदलाव है। मुस्लिम महिलाएं उन्हें चिट्ठी लिखकर अपनी हालिया हज यात्रा की जानकारी दे रही हैं। इसमें वे महिलाएं भी शामिल हैं जिन्होंने हज की यात्रा बिना किसी पुरुष सहयोगी या मेहरम के पूरी की है। इनकी संख्या 4000 से ज्यादा है। इस संबंध में सऊदी सरकार का भी हृदय से आभार व्यक्त करते हैं। ऐसी महिलाओं के लिए उन्होंने खास तौर पर एक महिला समन्वयक की नियुक्ति की थी। उन्होंने कहा कि अब ज्यादा से ज्यादा लोगों को हज पर जाने का मौका मिल रहा है।
भावी पीढ़ियों को रखना होगा ड्रग्स की आदत से दूर
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की भावी पीढ़ियों को अगर हमें बचाना है तो हमें उन्हें ड्रग्स की आदत से दूर रखना होगा। 15 अगस्त 2020 को नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। इस अभियान से 11 करोड़ से ज्यादा लोग को जोड़ा गया है। मोदी ने ड्रग्स के खिलाफ सुरक्षाबलों के अभियान और इसकी आदत से जूझ रहे लोगों के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख किया।
इसी संदर्भ में उन्होंने मध्य प्रदेश के एक गांव का उदाहरण दिया जिसे आज ‘मिनी ब्राजील’ के तौर पर जाना जाता है। मध्य प्रदेश के शहडोल के विचारपुर गांव के युवा आज फुटबॉल के उभरते सितारे बन रहे हैं। एक समय में जो आदिवासी गांव नशे के लिए जाना जाता था आज वे अपनी प्रतिभाओं के लिए जाना जाता है। उन्होंने इसके लिए पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी और कोच रईस अहमद के प्रयासों की सराहना की। जिन्होंने इन खिलाड़ियों की प्रतिभाओं को निखारा। प्रधानमंत्री ने बताया ‘फुटबॉल क्रांति’ नाम से चलाये गये एक प्रोग्राम के चलते आज बिचारपुर से राष्ट्रीय और राज्यस्तर पर 40 फुटबाल खिलाड़ी निकले हैं।
वर्षा आपदा में सहयोग और वृक्षारोपण एवं जल संरक्षण अभियान
प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों आई प्राकृतिक आपदाओं और उनके कारण पैदा हुई चिंता और परेशानियां का जिक्र करते हुए कहा कि इन सबके बीच हम भारतवासियों ने एक बार फिर सामूहिक प्रयास की शक्ति को दर्शाया है। स्थानीय लोगों ने एनडीआरएफ के जवानों और प्रशासन के साथ मिलकर दिन-रात इन आपदाओं का मुकाबला किया है।
वर्षा ऋतु और इस दौरान वृक्षारोपण और जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में इस दिशा में कई प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के शहडोल में करीब 100 कुओं के निर्माण से भूजल को बढ़ाने की दिशा के प्रयास की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश में 1 दिन में 30 करोड़ पेड़ लगाने के रिकॉर्ड का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय परंपराएं एवं पर्व हमें गतिशील बनाते हैं। सावन का पवित्र महीना सदाशिव महादेव की साधना-आराधना के साथ ही हरियाली और खुशियों से जुड़ा होता है। इस दौरान उन्होंने स्वामी विवेकानंद से प्रेरित दो अमेरिकी दोस्तों की अमरनाथ यात्रा की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत की खास बात है कि यह सबको अपनाता है और सबको कुछ न कुछ देता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने हालिया फ्रांस यात्रा के दौरान 100 वर्ष की महिला शारलोट शोपा के साथ मुलाकात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे हम सबके लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं। मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुराओं पर आधारित आकर्षक चित्र बना रहे 18 चित्रकारों के एक प्रयास की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन चित्रों को उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा और महाकाल महालोक की यात्रा करने वाले इसके दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने तमिलनाडु के राघवन जी के प्रयास की भी सराहना की। वे पेड़-पौधों और जीव जंतुओं से जुड़ी जानकारी देते हुए सुंदर चित्र बना रहे हैं।
अमेरिका से लाई गई दुर्लभ कलाकृतियां, हमें अपनी विरासत से जोड़ती हैं
प्रधानमंत्री ने अपनी पिछली यात्रा के दौरान अमेरिका से लाई कई कलाकृतियों के कुछ उदाहण देते हुए कहा कि इन प्रयासों से हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति जागरूक होते हैं और अपनी विरासत से जुड़ने का अवसर मिलता है। अमेरिका ने 100 से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां भारत को लौटाई हैं। भारत लौटी कलाकृतियां ढाई हजार से लेकर ढाई सौ साल तक पुरानी हैं। सोशल मीडिया में भी पिछले दिनों इनको लेकर खूब चर्चा हुई है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर ‘भोजपत्र’ के ख्याति पाने का भी उल्लेख किया। माणा गांव की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने इस खास प्रयास की सराहना की थी। उन्होंने बताया कि आज देवभूमि की यह महिलाएं भोजपत्र से बेहद ही सुंदर कलाकृतियां और स्मृति चिह्न बना रही हैं।