धर्मनिरपेक्षता के नाम पर भूल गए अपने धर्म : स्वामी क्षमाराम

हावड़ा : आजकल शुद्ध संत मिलना दुर्लभ है, दो तरह के संत मिल रहे हैं।पहला, बाहर से साधु का वेश पहन लिया, कुछ इधर-उधर की बात कर पैसा कमाने लगे हैं, ऐसे पाखंडी संत को कुछ लोग भ्रम से संत मान लेते हैं। वास्तव में संत वे हैं जो मन, वचन और कर्म में एक जैसे होते हैं, साथ ही जो भगवान राम की ओर ले जाते हैं।भगवान राम का चरित्र ही राम कथा है। भगवान शंकर पार्वती से कहते हैं, रामायण का अंत नहीं है। सागर की बूंदों को गिना जा सकता है पर भगवान राम के चरित्र को नहीं। पार्वती भगवान शिव से कहती हैं, आपके मुख से राम कथामृत सुना फिर भी तृप्ति नहीं हुई। मेरे मन एक जिज्ञासा है कैसे भगवान के भक्त गरुड़जी भक्त कागभुशुण्डि से राम कथा सुने? एक भक्त होने के बावजूद कागभुशुण्डि को कौआ शरीर मिला।

भगवान शिव ने सब कथा सुनाते कहा भगवान अपने भक्तों का अभिमान दूर करते हैं। रावण ने जब राम को नाग पाश में बांधा तब नारद जी के कहने पर गरुड़ ने उन्हें बंधन से मुक्त किया था। गरुड़ को इसी बात का अभिमान हो गया था। भगवान शंकर पार्वती से कहते हैं, सत्संग से श्रेष्ठ कुछ भी नहीं। पार्वती कहती हैं, स्वामी आपके मुख से श्रीराम कथा सुनने के बाद मेरे सारे संशय मिट गए और राम भक्ति मिल गई।

जो सत्संग- कथा को स्वीकार करता है, वह बड़ा भाग्यशाली होता है। भजन करो, सोचो, कितना समय बचा है? कलयुग में राम कथा और भगवान के नाम से बड़ा कोई साधन नहीं है। राम कथा कल्पवृक्ष के समान है। ये बातें हावड़ा सत्संग समिति के तत्वावधान में श्री रामचरितमानस का सामूहिक नवान्ह पारायण पाठ के विश्राम दिवस पर सिंहस्थल पीठाधीश्वर महंत क्षमाराम महाराज ने लक्ष्मी विलास गार्डेन प्रागंण में कहीं। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि आजकल हम धर्मनिरपेक्षता के नाम पर अपने धर्म और तीज-त्यौहारों को भूल रहे हैं।

हमारा नया साल चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है।आजकल लोग 31 दिसम्बर की रात में ही जगकर दूसरे के नये साल का स्वागत करने के लिए पार्टी करते हैं, जश्न मनाते हैं। अपनी मेहनत की कमाई को पानी की तरह बहाते हैं। बहुत मुश्किल से मेहनत करके पैसा कमाते हो, अच्छे काम में खर्च करो।

श्रद्धालुओं का स्वागत मनमोहन मल्ल व पवन पचेरिया ने किया। इस अवसर पर रुड़मल पचेरिया, हरिभगवान तापड़िया, केशव प्रसाद बुबना, राजेश बंका, पार्षद मीना पुरोहित, पार्षद विजय ओझा, उमेश राय, राम कथावाचक पुरुषोत्तम तिवारी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। मानस पाठ के दौरान धूमधाम से राम-राज्याभिषेक मनाया गया।

महावीर प्रसाद रावत ने आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन किया एवं सूचित किया कि मंगलवार 31 दिसम्बर से मंगलवार 7 जनवरी तक महन्त क्षमारामजी के श्रीमुख से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन विवेक विहार के क्लब हाउस में होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *