इतिहास के पन्नों में : 08 मार्च – सरदार पटेल के आग्रह पर जो मुख्यमंत्री बने

गांधी स्मारक निधि के प्रथम अध्यक्ष रहे स्वतंत्रता सेनानी डॉ. गोपीचंद भार्गव ने लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के अनुरोध पर संयुक्त पंजाब के प्रथम मुख्यमंत्री का पद स्वीकार किया। 8 मार्च 1889 में हिसार जिले में पैदा हुए गांधीवादी नेता डॉ. भार्गव ने देश के विभाजन से पैदा हुई कटुता के सबसे कठिन दौर में बुरी तरह प्रभावित संयुक्त पंजाब प्रांत को कुशल नेतृत्व देकर राज्य को नई दिशा दी। समाजसेवा को जीवन का ध्येय बनाने वाले डॉ. भार्गव, आजीवन इसपर चलते रहे।

गोपीचंद भार्गव ने लाहौर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद 1913 में डॉक्टरी की प्रैक्टिस शुरू की लेकिन 1919 में जलियांवाला बाग कांड ने उनके जीवन की दिशा बदलकर रख दी। लाला लाजपत राय, पंडित मदन मोहन मालवीय के साथ-साथ महात्मा गांधी से वे सर्वाधिक प्रभावित हुए। स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय हुए गोपीचंद भार्गव 1921, 1923, 1930, 1940 और 1942 में जेल गए। कांग्रेस के कई सांगठनिक पदों पर रहे गोपीचंद भार्गव 1946 में पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए।

अपने उदारवादी दृष्टिकोण के लिए मशहूर डॉ. गोपीचंद भार्गव की असली परीक्षा देश की स्वतंत्रता के बाद शुरू हुई। देश के विभाजन का जख्म और इस घाव का सबसे गंभीर असर पंजाब पर पड़ा। ऐसे में राज्य का नेतृत्व कौन करे, यह अहम सवाल था। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इसके लिए डॉ. गोपीचंद भार्गव से अनुरोध किया तो उन्होंने मुख्यमंत्री बनना स्वीकार किया। 15 अगस्त 1947 से 13 अप्रैल 1949 तक वे संयुक्त पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहे। दूसरी बार 18 अक्टूबर 1949 से 20 जून 1951 और तीसरी बार 21 जून 1964 से 6 जुलाई 1964 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। 26 दिसंबर 1966 को उन्होंने आखिरी सांसें लीं।

अन्य अहम घटनाएं:

1535: मेवाड़ की शासक रानी कर्णावती का निधन।

1864: आधुनिक मराठी कहानी के अधिष्ठाता माने जाने वाले हरिनारायण आप्टे का जन्म।

1889: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी विश्वनाथ दास का जन्म।

1929: मशहूर शायर साहिर लुधियानवी का जन्म।

1953: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का जन्म।

1954: गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत का जन्म।

1957: बांबे प्रांत के पहले मुख्यमंत्री बाल गंगाधर खेर का निधन।

1977: हिंदू और उर्दू के मशहूर कहानीकार कृष्णचंदर का निधन।

1979: प्रमुख राजनीतिज्ञ आर.के. खाडिलकर का निधन।

1915: जाने-माने पत्रकार और सम्पादक विनोद मेहता का निधन।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *