अफगानिस्तान ने भारत के मुकाबले ब्रितानी हुकूमत से करीब दो दशक पहले आजादी हासिल कर ली। तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध के बाद 19वीं सदी में दुनिया के सबसे ताकतवर ब्रितानी साम्राज्य को अफगानिस्तान छोड़ कर जाने में ही समझदारी दिखी। दोनों के बीच एंग्लो-अफगान संधि हुई और 19 अगस्त 1919 को अफगानिस्तान आजाद हो गया।
दरअसल, 1839 में पहले एंग्लो-अफगान युद्ध में ब्रिटेन ने काबुल पर कब्जा कर लिया था। लेकिन स्थानीय कबीलों ने सामान्य किस्म के हथियारों से ब्रिटिश फौज को पटकनी दे दी और ब्रिटेन को ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ा। उसी तरह 1878-1880 के बीच दूसरा एंग्लो-अफगान युद्ध और 1919 में आखिरी व तीसरा एंग्लो-अफगान युद्ध हुआ। दूसरे युद्ध में अफगानिस्तान को मिली हार के बाद यह ब्रिटेन संरक्षित राज्य बन गया था। लेकिन तीसरे युद्ध में शर्मनाक हार के बाद ब्रिटिश हुकूमत एंग्लो-अफगान संधि के लिए राजी हुआ। अफगानिस्तान ने विदेशी ताकत से पूरी तरह स्वतंत्रता पाई। आज ही के दिन अफगानिस्तान के नागरिक अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।