इतिहास के पन्नों में : 18 अप्रैल – विश्व विरासत के संरक्षण का दिन

पूरी दुनिया में मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण के प्रति जनचेतना के लिए हर साल 18 अप्रैल विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाया जाता है।

संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनेस्को की पहल पर 1972 में अंतरराष्ट्रीय संधि लागू की गई जो दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बिखरी ऐसी तमाम धरोहरों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। ये धरोहर तीन श्रेणियों में बांटी गई है जिसमें प्राकृतिक धरोहर स्थल, सांस्कृतिक धरोहर स्थल और मिश्रित धरोहर स्थल शामिल है। भारत में 40 ऐसे स्थल हैं, जिसमें ताजमहल, अजंता-एलोरा की गुफाएं, कोणार्क सूर्य मंदिर आदि शामिल हैं। इनके संरक्षण को लेकर जन जागरूकता के लिए 18 अप्रैल का दिन चुना गया। पूर्व में 18 अप्रैल विश्व स्मारक तथा पुरातत्व स्थल दिवस के रूप में मनाया जाता था।

अन्य अहम घटनाएं:

1621: सिखों के नौवें गुरु, गुरु तेगबहादुर जी का जन्म।

1858: समाज सुधारक और उद्धारक धोंडो केशव कर्वे का जन्म।

1859: प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख योद्धाओं में शामिल तात्या टोपे का निधन।

1898: प्रमुख क्रांतिकारी दामोदर हरि चापेकर का निधन।

1901: प्रमुख राजनीतिज्ञ चंदेश्वर नारायण सिंह का जन्म।

1916: जानी-मानी चरित्र अभिनेत्री ललिता पवार का जन्म।

1955: प्रख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन का निधन।

1961: फिल्म अभिनेत्री पूनम ढिल्लो का जन्म।

1972: प्रकांड विद्वान पांडुरंग वामन काणे का निधन।

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