जेम्स ए. जिम कार्बेट, जिन्हें एक साथ कई अर्थों में याद किया जाता है- प्रभावी लेखक, वन्यजीव छायाकार, बेजोड़ शिकारी और वन्य जीव संरक्षण वादी। आयरिश मूल के जिम कार्बेट ने मानवाधिकारों के लिए संघर्ष किया और संरक्षित वनों का आंदोलन प्रारंभ किया।
25 जुलाई 1875 को पैदा हुए जिम कार्बेट ने नैनीताल के पास कालाढूंगी में आवास बनाया और उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में मानव आबादी के लिए गंभीर खतरा बने कई आदमखोर बाघों को मार गिराया। इसमें रुद्रप्रयाग का एक आदमखोर तेंदुआ भी शामिल है। चम्पावत में 436 लोगों की जान लेने वाली आदमखोर बाघिन को जिम कार्बेट ने ही मारा। यहां तक कि कुमाऊं और गढ़वाल में जब कोई आदमखोर शेर आता, लोग जिम कार्बेट को बुलाते और वे लोगों को मुक्ति दिला लौटते।
दिलचस्प बात यह है कि वे जबर्दस्त शिकारी के साथ-साथ वन्य जीव संरक्षक भी थे। इसलिए उनके नाम पर नैनीताल जिले के रामनगर में जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान स्थापित किया गया। बाघों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला यह पार्क, देश में बाघों के संरक्षण की पहली पहल थी।
वन्य जीवों को लेकर उनकी लिखी किताबें भी काफी पसंद की गईं। भारत के प्रति उनका जबर्दस्त प्रेम रहा। उन्होंने ‘माई इंडिया’ नाम से किताब ही लिख डाली। हालांकि 1947 में वे केन्या चले गए और 19 अप्रैल 1955 को उनका निधन हो गया।
अन्य अहम घटनाएं:
1864: पंजाब के आर्य समाजी नेता व समाज सुधारक महात्मा हंसराज का जन्म।
1882: प्रसिद्ध जीव विज्ञानी चार्ल्स डार्विन का निधन।
1910: स्वतंत्रता संग्राम में युवा क्रांतिकारी अनंत लक्ष्मण कन्हेरे की शहादत।
1968: फिल्म अभिनेता अरशद वारसी का जन्म।
1977: भारतीय एथलेटिक्स खिलाड़ी अंजू बॉबी जॉर्ज का जन्म